हिंदूस्तान, पाकिस्तान का दुश्मन नहीं : ओबामा

वाशिंगटन 8 अक्टूबर (पी टी आई) अमरीका ने पाकिस्तान पर एक बार फिर अपनी गर्म निगाही डालते हुए कहाकि वो अमन के मुआमला में एहतियात से काम ले। सदर अमरीका बारक ओबामा ने आई ऐस आई के बारे में तशवीश ज़ाहिर करते हुए कहाकि इस एन्टुली जिन्स शोबा का दहश्तगर्द ग्रुपों से ताल्लुक़ है। उन्हों ने पाकिस्तान से कहाकि वो हिंदूस्तान को अपना दुश्मन ना समझे। हिंदूस्तान दरअसल पाकिस्तान का दुश्मन नहीं है लिहाज़ा उसे हिंदूस्तान के साथ पुरअमन तरीक़ा से रुजू होना चाहीए। सदर अफ़्ग़ानिस्तान हामिद करज़ई के हालिया दौरा हिंदूस्तान और हिक्मत-ए-अमली पर मबनी शराकतदारी के मुआहिदा पर दस्तख़त की गूंज वाशिंगटन में सुनाई दे रही है। वाशिंगटन में सहाफ़ीयों से ख़िताब करते हुए सदर अमरीका बारक ओबामा ने हक़्क़ानी नैटवर्क का नाम लिए बगै़र इशारा दिया कि ये ग्रुप पाकिस्तानी एन्टुली जिन्स के साथ रब्त रखता है। बिलाशुबा पाकिस्तानी फ़ौज और एन्टुली जिन्स सरवेस बाअज़ इन्फ़िरादी दहश्तगर्द ग्रुपों से रवाबित रखते हैं। ये पता चलता है तो हमें मुश्किलात दरपेश होती हैं। मैंने बरसर-ए-आम कहा था और अब भी यही कह रहा हूँ कि पाकिस्तानी ओहदेदार निजी महफ़िलों में अपने मुल़्क की सलामती के मुफ़ादात पर तशवीश का इज़हार करते हैं और एक आज़ाद अफ़्ग़ानिस्तान से उन्हें लाहक़ ख़तरात पर फ़िक्रमंद हैं। क्योंकि अफ़्ग़ानिस्तान के रवाबित हिंदूस्तान के साथ मज़बूत हैं और पाकिस्तान हनूज़ अपनी ख़्याली दुश्मनी के जाल में फंसा हुआ है। वो समझता है कि हिंदूस्तान इस का अज़ली दुश्मन है। ओबामा ने मज़ीद कहाकि हम पाकिस्तान को दरअसल ये बताना चाहते हैं कि वो इस हक़ीक़त को महसूस करे कि ख़ित्ता में अमन के लिए हिंदूस्तान के साथ पुरअमन तरीक़े से रुजू होना चाहीए। हिंदूस्तान के साथ अमन से रहने में ही हर एक की भलाई है। सदर अमरीका बारक ओबामा ने अपने अज़ाइम का भी इशारा दिया कि वो अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान के ख़ित्ता में अमरीकी मुफ़ादात का भरपूर दिफ़ा करने का हुनर जानते हैं, वो अमरीकी मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ के लिए यकतरफ़ा कार्रवाई करसकते हैं। इस से ये वाज़िह होता है कि वाशिंगटन और ईस्लामाबाद के दरमयान तल्ख़ियों में इज़ाफ़ा होरहा है। पाकिस्तान को एक तवील दरस देते हुए सदर अमरीका ने इस से मुतालिबा किया कि वो हिंदूस्तान को अपना हक़ीक़ी दुश्मन ना समझे। वाईट हाओज़ में प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए ओबामा ने कहाकि पाकिस्तानी अवाम के लिए सब से बड़ा मसला ये है कि वो अब ग़ुर्बत, नाख़्वान्दगी का सामना कररहे हैं। इन के पास तरक़्क़ी का फ़ुक़दान है। शहरी इदारे मख़लूत होचुके हैं। ये इदारे पाकिस्तानी अवाम की आरज़ूओं की तकमील में नाकाम होचुके हैं। बारक ओबामा के ये रिमार्कस उस वक़्त सामने आए जब उन से सवाल किया गया कि आया वो अपने साबिक़ आला फ़ौजी कमांडर माईक मोलन के इन इल्ज़ामात से इत्तिफ़ाक़ करते हैं कि पाकिस्तानी की आई ऐस आई का हक़्क़ानी नैटवर्क से राबिता है और वो ख़तरनाक असलाह के साथ हक़्क़ानी नैटवर्क को इस्तिमाल कररहा है। सदर अमरीका ने इस बात की निशानदेही की कि पाकिस्तानी अवाम को सब से बड़ा मसला यही है। वहां का माहौल इंतिहापसंदी की तरफ़ फ़रोग़ पारहा है। आप ने देखा कि इस इलाक़ा में इंतिहापसंदी बढ़ रही है। ये ना सिर्फ अफ़्ग़ानिस्तान में हमारी कोशिशों के लिए ख़तरा है बल्कि पाकिस्तानी हुकूमत और पाकिस्तानी अवाम के लिए ख़तरा है। इस लिए हम चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ मिल कर काम करने की कोशिश करें लेकिन ये आसान नहीं है। ओबामा ने कहाकि इन का नज़म-ओ-नसक़ पाकिस्तान के साथ अपने ताल्लुक़ात को मुसलसल मज़बूत बनाने की कोशिश कररहा है लेकिन उन्हों ने इस बात का इंतिबाह भी दिया कि अगर पाकिस्तान का रवैय्या अमरीकी मुफ़ादात के हक़ में ना हो तो ईस्लामाबाद के साथ देरीना हिक्मत-ए-अमली के ताल्लुक़ात को मुनक़ते भी किया जा सकता है। उन्हों ने कहाकि इन का अव्वलीन मक़सद अलक़ायदा को नीस्त-ओ-नाबूद करना है ताकि वो अमरीका पर हमले के काबिल ना रहे और दुनिया भर में अमरीका के मुफ़ादात को नुक़्सान ना पहोनचाए