हिंद।अफ़्ग़ान समझौता, किसी मलिक के ख़िलाफ़ नहीं

अफ़्ग़ान अवाम पुरअमन ज़िंदगी गुज़ारने के अहल और मुस्तहिक़ हामिद करज़ई । मनमोहन सिंह बातचीत , तीन समझौतों पर दस्तख़त
नई दिल्ली । 4 । अक्तूबर (पी टी आई) हिंदूस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान ने तिजारत-ओ-सलामती के बिशमोल हिक्मत-ए-अमली के मुख़्तलिफ़ शोबों में तआवुन की सिम्त एक ज़बरदस्त चुस्त लगाते हुए रिफ़ाक़त के एक समझौता पर दस्तख़त किया। और ये दावा भी किया कि इन का ये बाहमी समझौता किसी दूसरे मुल़्क या मुख़्तलिफ़ ममालिक के किसी ग्रुप के ख़िलाफ़ नहीं है । वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और अफ़्ग़ान सदर हामिद करज़ई ने आज यहां मुलाक़ात के दौरान बिशमोल दहश्तगर्दी मुख़्तलिफ़ मसाइल-ओ-मौज़ूआत पर दो टोक अंदाज़ में तफ़सील बातचीत की । बादअज़ां डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि अफ़्ग़ान अवाम किसी भी बैरूनी ख़तरा , धमकीयों, मुदाख़िलत , जबर-ओ-इस्तिबदाद के बगै़र अपने मुस्तक़बिल का फ़ैसला करने और पर अमन फ़िज़ा-ए-में ज़िंदगी बसर करने के अहल-ओ-मुस्तहिक़ हैं । दोनों क़ाइदीन ने सलामती के शोबा में तआवुन के इलावा अफ़्ग़ान अवाम के वसीअ तर क़ौमी मुफ़ादात के लिए अफ़्ग़ान मईशत को जुनूबी एशियाई और बिलख़सूस हिंदूस्तानी मईशत से मरबूत करने , क़रीबी तिजारत , सरमाया कारी को फ़रवा देने से इत्तिफ़ाक़ किया। डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा काह अनथक जामि मुज़ाकरात और मुशावरतों के बाद ही हम ने हिक्मत-ए-अमली की साझेदारी के एक समझौता को क़तईयत दी है । ये समझौता हिंदूस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान के माबैन मुस्तक़बिल में भी तआवुन की एक अहम बुनियाद साबित होगा। बिलख़सूस , सयासी , सलामती-ओ-तिजारती मआशी-ओ-तालीमी तआवुन के इलावा दोनों मुल्कों के अवाम से अवाम की सतह पर राबतों को फ़रोग़ हासिल होगा। तहज़ीबी , समाजी , तामीर जदीद , शहरी तरक़्क़ी , मुस्तक़बिल की नसल में तालीम , हुनर सलाहीयत-ओ-किरदार साज़ी के शोबों में भी बाहमी ताल्लुक़ात को मुस्तहकम बनाया जाएगा। दोनों मुल्कों ने मादिनी खोज-ओ-निकासी और हाईड्रो कार्बनस के फ़रोग़ के लिए मुफ़ाहमत की दो याददाश्तों पर दस्तख़त किए । अफ़्ग़ानिस्तान के तईं पाकिस्तान के रवैय्या और हक़्क़ानी नैटवर्क से इस की साज़ बाज़ पर नाख़ुश अफ़्ग़ान सदर हामिद करज़ई ने बावर किया जाता है कि तात्तुल पज़ीर अमन मुज़ाकरात के दुबारा आग़ाज़ किया कुमत अमली पर भी डाक्टर मनमोहन सिंह के साथ तबादला-ए-ख़्याल किया। सदर हामिद करज़ई ने हिंदूस्तान को अफ़्ग़ानिस्तान का एक साबित क़दम दोस्त क़रार दिया और कहा कि वो (हिंदूस्तान) अफ़्ग़ानिस्तान को दहश्तगर्द या परतशद्दुद मलिक के तौर पर नहीं देखता बल्कि एक ऐसे मुल़्क की हैसियत से देखता है जो अपने पड़ोसीयों के साथ पर अमन रहना चाहता है । डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि अफ़्ग़ान अवाम 2014 -ए-में बैरूनी अफ़्वाज की वापसी के बाद अपनी और अपने मुल़्क की सीकोरीटी की ज़िम्मेदारी सँभालने के लिए तैय्यार हो रहे हैं और उन कोशिशों में हिंदूस्तान का उन का भरपूर साथ देगा । डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि फ़िलवक़्त अमन-ओ-इस्तिहकाम ही अफ़्ग़ान अवाम की अज़ीमतरीन ज़रूरत हैं। अफ़्ग़ान मुल्क-ओ-क़ौम की तामीर जदीद में तआवुन की कोशिशों का ख़ौरमक़दम करते हुए डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा काह इस्तंबोल और बाण में मुनाक़िद शुदणी कान्फ़्रैंसों में हिंदूस्तान भी हिस्सा लेगा। डाक्टर मनमोहन सिंह और सदर हामिद करज़ई ने अफ़्ग़ानिस्तान के साबिक़ सदर बुरहान उद्दीन रब्बानी के क़तल पर अफ़सोस-ओ-ताज़ियत का इज़हार किया । अफ़्ग़ान सदर ने कहा कि इन के मलिक ने सब से पहले हिंदूस्तान से ऐसा समझौता किया है