हिंद। पाक बातचीत बिलातवक़्कुफ़ जारी रहना चाहीए

अमली मुज़ाकरात से बाहमी एतिमाद बढ़ना ज़रूरी , पाकिस्तानी वज़ीर-ए-ममलकत हिना रब्बानी के तास्सुरात
ईस्लामाबाद । 19 जुलाई । ( पी टी आई) पाकिस्तान की वज़ीर-ए-ममलकत बराए उमूर ख़ारिजा हिना रब्बानी ख़ार ने आज कहा कि हिंद । पाक बातचीत का अमल बुलाव क़ुफ़्फ़ा और नाक़ाबिल तवक्कुफ़ होना चाहीए और ये दोनों मुल्कों के दरमयान एतिमाद पैदा करने में मदद करना चाहीए। हिना रब्बानी जिन्हें मुकम्मल इख़्तयारात के साथ वज़ीर-ए-ख़ारजा के तौर पर तरक़्क़ी दी जाने वाली है जिस के बाद वो वज़ीर उमूर ख़ारिजा ऐस ऐम कृष्णा के साथ इस माह के अवाख़िर बातचीत केलिए नई दिल्ली का सफ़र करेंगी , उन्हों ने अपने रिमार्कस दफ़्तार-ए-ख़ारजा में हिंदूस्तानी हाई कमिशनर शरद सभरवाल के साथ मुलाक़ात के दौरान किए । दफ़्तार-ए-ख़ारजा की जानिब से जारी करदा एक ब्यान में हिना के हवाले से कहा कि अमल मुज़ाकरात में ख़लल नहीं होना चाहीए और ये अमल बिलातवक़्कुफ़ रहे , नीज़ एतिमाद बढ़ाने में मदद करे और नतीजाख़ेज़ रहे। 34 साला हिना जो पाकिस्तान की सब से कमउमर और अव्वलीन ख़ातून वज़ीर-ए-ख़ारजा बन जाएंगी, उन्हों ने मुकम्मल पैमाने पर मुज़ाकरात के अहया और बातचीत में अब तक की पेशरफ़्त पर इतमीनान ज़ाहिर किया । उन्हों ने कहा कि ख़ित्ता के ममालिक के साथ इमदाद-ए-बाहमी पर मबनी ताल्लुक़ात को यक़ीनी बनाना पाकिस्तान की ख़ारिजा पालिसी में सब से मुक़द्दम है। हाई कमिशनर सभरवाल ने कहा कि हिंदूस्तानी वज़ीर उमूर ख़ारिजा हिना रब्बानी के दौरा-ए-हिंद के मुंतज़िर हैं। उन्हों ने वज़ीर-ए-ममलकत से इत्तिफ़ाक़ किया कि बातचीत का अमल एतिमाद बढ़ाने केलिए इतने ही एहमीयत रखता है जितना तमाम देरीना मसाइल की यकसूई ज़रूरी है । हिना ने ये भी कहा कि वो नई दिल्ली के अपने दौरा के मुंतज़िर हैं। हिंदूस्तान और पाकिस्तान ज़ाइद अज़ दो साल के वक़फ़ा के बाद इस साल फ़बरोरी में अपनी बातचीत के अमल का अहया करचुके हैं। अमन मसाई 2008 के मुंबई दहश्त गिरदाना हमलों के तनाज़ुर में मुअत्तल होगई थी क्योंकि इन हमलों केलिए पाकिस्तान नशीन लश्कर-ए-तुयेबा को मौरिद इल्ज़ाम ठहराया गया। पाकिस्तान ने तस्लीम किया है कि इन हमलों के पसेपर्दा साज़िश पाकिस्तानी सरज़मीन पर रची गई और इस ने इस हमले में रोल अदा करने के इल्ज़ामात पर सात मुश्तबा अफ़राद बिशमोल लश्कर-ए-तुयेबा कमांडर ज़की अलरहमन लखवी को गिरफ़्तार भी किया। ताहम उन मुश्तबा मुल्ज़िमीन का ट्रायल कई बार ताख़ीर का शिकार होचुका है और नई दिल्ली ने कहा है कि ईस्लामाबाद को आजलाना इक़दामात करने की ज़रूरत है ताकि इन हमलों के सरग़ना अनासिर और फ़ीनानसरस को कैफ़र-ए-किर्दार तक पहुंचाया जा सके।