हिंद चीन हिक्मत-ए-अमली के पहले मआशी मुज़ाकरात, अहलवालिया का ख़िताब

बीजिंग। 27 सितंबर( पी टी आई) हिंदूस्तान और चीन ने हिक्मत-ए-अमली के अव्वलीन मआशी मुज़ाकरात का आज यहां आग़ाज़ किया। जिस में दोनों ममालिक ने बाहमी सरमाया कारी, तआवुन और ताल मेल को फ़रोग़ देने के इलावा एक दूसरे की मार्किटों को फ़राख़दिली के साथ खोल देने और सरमाया कारी के माहौल को मज़ीद बेहतर बनाने का अज़म किया। नायब सदर नशीन मंसूबा बंदी कमीशन मोनटक सिंह अहलुवालिया ने हिंदूस्तान के आली सतही वफ़द की क़ियादत की जबकि चीन के क़ौमी तरक़्क़ीयाती-ओ-इस्लाहात कमीशन के सदर नशीन झान पिंग ने अपने वफ़द की क़ियादत की। दोनों वफ़ूद ने इंतिहाई मुसबत और कामयाब मुज़ाकरात करते हुए मुख़्तलिफ़ मआशी मसाइल पर तआवुन-ओ-ताल मेल को फ़रोग़ देने से इत्तिफ़ाक़ किया। दोनों फ़रीक़ों ने सरमाया कारी के लिए बाहमी तआवुन, मार्किटों को एक दूसरे के लिए मज़ीद खोलने और दोनों मुल्कों में सरमाया कारी केलिए साज़गार फ़िज़ा-ए-पैदा करते हुए दोनों मुल्कों के दरमयान ख़ैरसिगाली और बाहमी फ़ायदे की बुनियादों पर मबनी तिजारत और मिसाली तआवुन को फ़रोग़ देने का फ़ैसला किया। फ़रीक़ैन ने तहफ़्फ़ुज़ माहौलियात, तवानाई के मूसिर पैदावार-ओ-इस्तिमाल पर भी तआवुन को मुस्तहकम बनाने से इत्तिफ़ाक़ किया। इलावा अज़ीं तवानाई बिलख़सूस क़ाबिल तजदीद तवानाई के शोबा में सरगर्मी के साथ तआवुन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। इजलास की रुवेदाद में कहा गया कि इन शोबों में इज़ाफ़ा शूदा तबादलों से दोनों फ़रीक़ों के दरमयान वसीअ तर तआवुन की एक नई राह हमवार होगी। मिस्टर अहलुवालिया ने अपने इफ़्तिताही ख़िताब में कहा कि हिंदूस्तान और चीन के दरमयान कई उमूर पर यकसानियत ही। चीन में मआशी इस्लाहात, हिंदूस्तान के इस्लाहात से एक दहाई क़बल या इस से भी बहुत पहले शुरू हुई। आप की मईशत में इन्क़िलाबी तबदीली के लिए होने वाली आप की कामयाबीयों को दुनिया भर में तस्लीम किया जाता है। हिंदूस्तान भी इस की सताइश करता है।