क़ुरआन मजीद की कसरत से तिलावत की तलक़ीन

मौलवी अबदुल अलीम फ़ारूक़ी सदर मजलिस तहफ़्फ़ुज़-ओ-ख़त्म नबुव्वत बचकनदा ने ख़वातीन से ख़िताब करते हुए कहा अल्लाह ने हमारे लिए रमज़ान का बाबरकत महीना नसीब फ़रमाया ये ख़ुदावंदे करीम का शुक्र है। रमज़ान का वो महीना जिस में अल्लाह की ख़ास रहमतें हुआ करती हैं , जो बंदा एक नेकी करता है तो अल्लाह ताआला 70 नेकियों में इज़ाफ़ा फ़रमाते हैं।

ये महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है। रमज़ान का महीना वो महीना है जिस का पहला हिस्सा रहमत , दूसरा हिस्सा मग़फ़िरत और तीसरा हिस्सा दोज़ख़ से आज़ादी है। उन्होंने इस महीने में ख़ासकर नवाफ़िल और क़ुरआन शरीफ़ की हमेशा तिलावत करने करते रहने की तलक़ीन की।