क़ौमी शाहराहों पर सी सी टी वी कैमरे नसब किए जाएं

मुंबई, 01 मार्च: बॉम्बे हाइकोर्ट ने हुकूमत महाराष्ट्रा को हिदायत दी है कि तमाम क़ौमी शाहराहों पर मौजूद लैम्प पोस्टों पर सी सी टी वी कैमरे नसब किए जाएं ताकि ज़रूरत से ज़्यादा तेज़ रफ़्तार कारों की निशानदेही करते हुए हादिसात को टाला जा सके। जस्टिस अजे खानवेलकर की क़ियादत में एक बेंच की जानिब से ये मश्वरा उस वक़्त दिया गया जब फायेदे की एक दरख़ास्त का इदख़ाल करते हुए अदालत से ये ख़ाहिश की गई थी कि वो हुकूमत को ये हिदायत जारी करे कि क़ौमी शाहराहों पर हादिसे की सूरत में ज़ख़मी अफ़राद को अंदरून एक घंटा तिब्बी इमदाद फ़राहम की जाये।

अदालत ने ये भी हिदायत की है कि वो कंट्टर एक्टर्स जो क़ौमी शाहराहों की तामीर या मरम्मत की ज़िम्मेदारी लेते हैं,उन्हें इस बात का भी पाबंद किया जाये कि वो शाहराहों परमौजूद लैम्प पोस्टों पर सी सी टी वी कैमरे भी नसब करें। इस तरह एन सी सी टी वी कैमरों को कंट्रोल रुम से मरबूत किया जाएगा। इस तरह गुज़रने वाली गाड़ियों पर 24 घंटे नज़र रखी जा सकेगी और हादिसात की रोक थाम मुम्किन होजाएगी।

यहां इस बात का तज़किरा बेजाना होगा कि मुंबई में जहां-जहां भी सी सी टी वी कैमरे नसब किए गए हैं इन में से 51फ़ीसद कैमरे ख़ाफियों से पफ़र हैं और ग़ैर कारकरद हैं। मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त में ये कहा गया है कि ज़्यादा तर हादिसात तेज़ रफ़्तारी की वजह से क़ौमी शाहराहों पर ही पेश आते हैं। दूसरी वजह ये है कि बाज़ ट्रकों में ज़रूरत से ज़्यादा माल लादा जाता है जिस की वजह से मोड़ लेते वक़्त ट्रक उलट जाते हैं। दरख़ास्त में ये भी ख़ाहिश की गई है कि शाहराहों पर हादिसात के दौरान ज़ख़मी होने वालों को बरवक़्त तिब्बी इमदाद फ़राहम की जानी चाहीए।