क़ौमी सतह पर आज़मीन-ए-हज्ज की रवानगी का कल से आग़ाज़

हैदराबाद। 28 सितंबर, ( सियासत न्यूज़) क़ौमी सतह पर आज़मीन-ए-हज्ज की रवानगी का 29सितंबर से आग़ाज़ होगा। ताहाल एक लाख से ज़ाइद पासपोर्टस पर सऊदी सिफ़ारतख़ाना ने वीज़ा स्टैंप करते हुए मर्कज़ी हज कमेटी के हवाले करदिए हैं। डाक्टर ऐस शाकिर हुसैन आई आर ऐस चीफ़ एगज़ीकीटो ऑफीसर मर्कज़ी हज कमेटी ने आज सियासत से बातचीत के दौरान ये बात बताई। उन्हों ने बतायाकि 29सितंबर से मुल्क भर के 9मुक़ामात से आज़मीन-ए-हज्ज की रवानगी का आग़ाज़ होजाएगा जबकि 30सितंबर से हैदराबाद के मर्कज़ रवानगी से आंधरा प्रदेश के इलावा बाअज़ कर्नाटक के अज़ला के आज़मीन-ए-हज्ज की रवानगी का आग़ाज़ होगा। उन्हों ने बताया कि रियासत को इस मर्तबा इज़ाफ़ी कोटा के बशमोल जुमला 7104 आज़मीन का कोटा मुख़तस किया गया है। डाक्टर शाकिर हुसैन ने मुल्क भर से आज़मीन की रवानगी के मुताल्लिक़ तवक़्क़ो का इज़हार किया कि आज़मीन-ए-हज्ज की रवानगी और वापसी में किसी किस्म की कोई दुश्वारियां पेश नहीं आयेंगी । उन्हों ने बताया कि मक्का मुकर्रमा और मदीना मुनव्वरा में रिहायशी इंतिज़ामात भी बड़ी हद तक इतमीनान बख़श हैं और मर्कज़ी हज कमेटी की जारीया साल की कारकर्दगी से वज़ारत-ए-ख़ारजा भी मुतमइन है। उन्हों ने आज़मीन-ए-हज्ज के इंतिख़ाब के तरीका-ए-कार के मुताल्लिक़ बताया कि जारीया साल उन्हें कोई ऐसी शिकायत के हुसूल का इमकान नहीं है जिस में ये कहा जाय कि इंतिख़ाब में किसी किस्म की बदउनवानीयाँ हुई हैं। उन्हों ने बताया कि वज़ारत-ए-ख़ारजा और सिफ़ारतख़ाना के इलावा मर्कज़ी हज कमेटी के माबैन बेहतर ताल्लुक़ात-ओ-रवाबित और बरवक़्त मुरासलतों के सबब हज 2011 के मुताल्लिक़ ये कहा जा सकता है कि मर्कज़ी हज कमेटी ने तमाम उमोर की तकमील क़बल अज़ वक़्त करली ही।डाक्टर शाकिर हुसैन ने तमाम रियास्तों से आज़मीन की रवानगी की तैयारीयों के मुताल्लिक़ इतमीनान का इज़हार करते हुए कहा कि तमाम रियास्तें अपने आज़मीन को मुम्किना सहूलतों की फ़राहमी पर तवज्जा मर्कूज़ की हुई हैं। उन्हों ने बताया कि वो ख़ुद भी आंधरा प्रदेश हज कमेटी के तवस्सुत से रवाना होने वाले आज़मीन को पहुंचाई जाने वाली सहूलतों के मुताल्लिक़ शख़्सी तौर पर मालूमात हासिल करने हज हाइज़ का दौरा करने का इरादा रखते हैं। उन्हों ने आज़मीन से अपील की कि वो मर्कज़ी हज कमेटी की जानिब से मनज़ोरा बयागस ही बतौर लगेज ले जाएं बसूरत-ए-दीगर उन्हें जुदा अर पोर्ट पर मसाइल का सामना करना पड़ सकता ही। उन्हों ने आज़मीन-ए-हज्ज की परवाज़ों के आग़ाज़ से क़बल मुंख़बा आज़मीन-ए-हज्ज को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि हज बैतुल्लाह की सआदत अल्लाह ताला अपने मुंतख़बा बंदों को ही नसीब फ़रमाता है इसी लिए आज़मीन-ए-हज्ज को चाहीए कि वो अपने सफ़र मुक़द्दस के दौरान अपने अहल-ओ-अयाल के इलावा मुल्क-ओ-क़ौम केलिए भी दुआ करें।