ख़्वातीन से ऑनलाइन चैटिंग, दहशतगर्दी की साज़िश नहीं

बर्तानिया के एक शॉपिंग सेंटर पर बम हमले की मंसूबा बंदी की साज़िश के तहत मुक़द्दमा का सामना करने वाले एक पाकिस्तानी शख़्स ने कहा है कि वो ख़्वातीन के साथ ऑनलाइन चैटिंग और ई मेल्स के ज़रीए महारत हासिल करने की कोशिश के तौर पर शादी की इमकानी तवारीख़ और दुल्हन के बारे में हवाले दिया करता था।

उस ने तरदीद की कि वो अलक़ायदा के साज़िशी मंसूबा के तहत ये प्यामात रवाना किया करता था। आबिद नसीर ने अपनी दिफ़ा में बज़ाते ख़ुद ये मौक़िफ़ अख़्तियार करते हुए ब्रोकलीन की वफ़ाक़ी अदालत से कहा कि उस ने नवंबर 2008 के दौरान याहू चैट रुम में ख़ुद को ख़ातून ज़ाहिर करते हुए दीगर ख़्वातीन मुलाक़ात किया करता था और उस दौरान एक मर्द से उस का ऑनलाइन राबिता हो गया।

इस ने ख़ुद को बेक़सूर क़रार देते हुए कहा कि मैं अपने मर्दाना फ़ख़र को बरक़रार रखने के लिए ख़्वातीन से की गई बातों में होने वाली कामयाबीयों से बेक़ाबू हो जाया करता था लेकिन हुकूमत का कहना है कि आबिद नसीर, बर्तानिया में अलक़ायदा सेल की क़ियादत करता है और ये सेल न्यूयार्क सिटी और डेनमार्क पर हमलों से मुताल्लिक़ वसीअतर साज़िश का एक हिस्सा है।