ग़ैर मुल्की हुकूमतों की तन्क़ीद मिस्र को क़ुबूल नहीं है

मिस्र ने अल जज़ीरा चैनल के तीन सहाफ़ीयों को क़ैद की सज़ा सुनाए जाने पर बैनुल अक़वामी तन्क़ीद को मुस्तरद करते हुए कहा है कि मुल्क में हज़ारों सहाफ़ी मुकम्मल आज़ादी से काम कर रहे हैं।

मिस्र की वज़ारते ख़ारजा के एक तर्जुमान का कहना है कि मिस्र में हज़ारों सहाफ़ी मुकम्मल आज़ादी से काम कर रहे हैं, (इसलिए) मिस्री अदालत के सनीचर के फ़ैसले के ख़िलाफ़ ग़ैर मुल्की हुकूमतों की जानिब से तन्क़ीद की जा रही है वो मिस्र को क़ुबूल नहीं है। मिस्री हुकूमत ने क़ाहिरा में बर्तानवी सफ़ीर जॉन केसन को उनके तन्क़ीदी बयान के बाद दफ़्तरे ख़ारिजा में तलब कर लिया है।

फ़ैसले के बाद गुज़िश्ता रोज़ बर्तानवी सफ़ीर ने कहा था कि किसी मुल्क के इस्तिहकाम की बुनियाद ग़ैर पायदार नहीं होनी चाहिए जो कि लोगों के हुक़ूक़ को ग़ज़ब करे और आज़ादी इज़हारे राय और ज़राए इबलाग़ की आज़ादी को नुक़्सान पहुंचाए।