ज़िंदा अफ़राद के वाक़ियात -ए-ज़िंदगी की निसाब में शमूलियत नामुनासिब

वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने ज़िंदा अफ़राद के वाक़ात-ए-ज़िंदगी को निसाब तालीम में शामिल करने की मंज़ूरी नहीं दी। उन्होंने बी जे पी ज़ेरे इक़्तेदार गुजरात और मध्य प्रदेश की हुकूमतों को बरहमी के आलम में हिदायत दी कि उनकी ज़िंदगी की कहानी स्कूल के निसाब में शामिल ना की जाये।

उसकी बिना पर हुकूमत गुजरात और मध्य प्रदेश इस इक़दाम से दस्तबरदार होगए। दोनों रियासतों के वुज़राए तालीम ने मोदी की ज़िंदगी की कहानी निसाब तालीम में शामिल करने की कोशिश का आग़ाज़ कर दिया था। इनका कहना था कि इस तरह तलबा को तहरीक मिलेगी। लेकिन इस इक़दाम की वज़ीर-ए-आज़म ने ताईद नहीं की।

मोदी ने सब से पहले अपने टोइटर पर तहरीर किया मेरा पुख़्ता यक़ीन है कि ज़िंदा अफ़राद की ज़िंदगी की कहानी स्कूली निसाब में शामिल नहीं की जानी चाहिए। इसके बाद उन्होंने गुजरात के वज़ीर-ए-तालीम भूपिंदर सिन्हा चौड़ा समा को 7 बजे सुबह टेलीफ़ोन करके इस इक़दाम से बाज़ रहने की हिदायत दी।

गुजरात के वज़ीर-ए-तालीम ने बादअज़ां गांधी नगर में एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा नरेंद्र भाई ने मुझे टेलीफ़ोन किया और मुझ से कहा कि किसी ज़िंदा शख़्स के ज़िंदगी के वाक़ियात स्कूली निसाब में शामिल करना मुनासिब नहीं है, वो उनकी ज़िंदगी के बारे में प्राइमरी स्कूलस में तालीम देने के नज़रिये के सख़्त मुख़ालिफ़ हैं।

उन्होंने मुझ से ख़ाहिश की कि इस प्रोजेक्ट में पेशरफ़त ना करूं। वज़ीर-ए-तालीम गुजरात ने कहा कि उन्होंने नरेंद्र भाई से कह दिया कि उन की ख़ाहिश को हुक्म समझा जाएगा और उसकी तामील की जाएगी। उन्होंने तैक़ून दिया कि रियासती हुकूमत इस प्रोजेक्ट पर पेशरफ़त नहीं करेगी।

भोपाल में मध्य प्रदेश के रियासती वज़ीर-ए-तालीम दीपक जोशी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि रियासती हुकूमत वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की ज़िंदगी की कहानी को स्कूल की निसाबी किताबों में शामिल नहीं करेगी। जैसा कि वज़ीर-ए-आज़म ने टोइटर पर अपने बयान में ख़ाहिश ज़ाहिर की है।

दोनों हुकूमतों की जानिब से ऐसे किसी भी इक़दाम की मुख़ालिफ़त करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने ख़बरें पढ़ी हैं कि बाज़ रियासतें नरेंद्र मोदी की ज़िंदगी की जद्द-ओ-जहद को स्कूली निसाब का हिस्सा बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान ऐसे कई सूरमाओं की कहानियों से मालामाल तारीख़ रखता है जिन्होंने मुल्क को ऐसा मुल्क बनादिया जैसा कि वो आज है।

मोदी ने कहा कि नौजवान ज़हनों को इन अज़ीम शख़्सियात के बारे में मुताला करना चाहिए और उनकी तक़लीद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के वज़ीर-ए-आज़म बनने से पहले भी बाज़ इंतेहाई अहम और तहरीक देने वाले वाक़ियात पेश आए हैं। उन्हें निसाब तालीम में शामिल करना चाहिए।

इस कार्रवाई का आग़ाज़ करने के लिए एक कमेटी क़ायम की जानी चाहिए जो निसाब तालीम में शामिल करने के काबिल वाक़ियात की एक क़तई फ़हरिस्त तैयार करे जो बाब शामिल किए जाएं इनका आग़ाज़ पैदाइश , ज़िंदगी के दौरान जद्द-ओ-जहद और इस के नताइज पर मबनी होना चाहिए।