फ़िज़ाई हमलों पर क़तर के ख़लीजी ममालिक और मिस्र से इख़्तिलाफ़ात

क़तर के अमीर ने कहा है कि लीबिया में आई एस (दाइश) के अस्करीयत पसंदों के ख़िलाफ़ मिस्र के हालिया फ़िज़ाई हमलों के बावजूद वो उस मुल्क (मिस्र) के इस्तेहकाम से मुताल्लिक़ अपने अह्द के पाबंद हैं।

दाइश के जिहादीयों ने इस माह एक वीडियो जारी किया था जिस में मिस्र के 21 ईसाईयों के लीबिया में सर क़लम करते हुए दिखाया गया था जिस के बाद मिस्र को लीबिया के मशरिक़ी शहर देरना में दाइश के ठिकानों पर फ़िज़ाई हमलों के लिए मजबूर होना पड़ा था।

क़तर ने लीबिया में मिस्र के फ़िज़ाई हमलों के ख़िलाफ़ ज़हनी तहफ़्फुज़ात का इज़हार किया था जिस के जवाब में क़तर को मिस्र की ब्रहमी का सामना भी करना पड़ा था। क़ाहिरा ने दोहा पर इल्ज़ाम आइद किया था कि वो दहशतगर्दों की ताईद कर रहा है।

बादअज़ां जवाबी कार्रवाई के तौर पर क़तर ने क़ाहिरा से अपने सफ़ीर को मुशावरत के लिए वापिस तलब कर लिया था लेकिन क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमद अलिसानी ने कहा है कि हालिया कशीदगी के बावजूद वो एक मुस्तहकम मिस्र देखने के अह्द के पाबंद हैं।

शेख़ तमीम ने जॉर्जटा यूनीवर्सिटी में तलबा से ख़ुसूसी ख़िताब करते हुए कहा कि मेरी पॉलिसी है कि मिस्र की सूरते हाल को मुस्तहकम बनाने के लिए में मदद कर सकूं और मुझे यक़ीन है कि में ऐसा करूंगा। अब वहां (मिस्र में) हुकूमत है।