12वीं पनजसाला मंसूबे में उर्दू, अरबी और फ़ारसी के फ़रोग़ केलिए रोडमयाप

नई दिल्ली 5/ अक्तूबर (एजैंसीज़) फ़रोग़ इंसानी वसाइल के वज़ीर कपिल सिब्बल ने उर्दू, अरबी और फ़ारसी में मुल़्क की सक़ाफ़्ती विरासत को बचाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए हर साल उर्दू विरासत और अरबी जलसों के इनइक़ाद का मश्वरा दिया है। कपिल सिब्बल ने कल यहां क़ौमी कोनलस बराए फ़रोख़त उर्दू ज़बान सालाना इजलास को मुख़ातब करते हुए ये बात कही। उन्हों ने कहा कि इस तरह के अदबी इजलास मलिक के हर गोशे में हूँ, ताकि काफ़ी तादाद में लोग जुड़ सकें। उन्हों ने मज़ीद कहा कि उर्दू,अरबी और फ़ारसी ज़बानों में मुल़्क की तहज़ीबी-ओ-सक़ाफ़्ती विरासत के तहफ़्फ़ुज़ केलिए नई तनाज़ुर में जदीद तरीन क़ौमी मंसूबा बनाने की ज़रूरत है। उन्हों ने ग़ज़ल, उर्दू ख़त्ताती (ख़ोशनवीसी) और इस्लामी विरासत के तहफ़्फ़ुज़ की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। वज़ीर फ़रोग़ वसाइल इंसानी ने क़ौमी कौंसल बराए फ़रोग़ उर्दू ज़बान को 12 वीं पनजसाला मंसूबे में उर्दू ज़बान के फ़रोग़ केलिए एक रोड मयाप तैय्यार करने को कहा था और कौंसल ने इस के लिए तीन अहम समीनार भी मुनाक़िद किए जिस की सदारत प्लानिंग कमीशन की मैंबर डाक्टर सय्यदा हमीद, राज्य सभा के नायब सदर के आर रहमान और प्रोफ़ैसर शमस अलरहमान फ़ारूक़ी ने की थी। रोड मयाप में कौंसल को इन तीन ज़बानों में पेशावराना निसाबात में परी डिग्री सतह के इमतिहानात का आग़ाज़ कराने और अस्नाद देने का हक़ भी देने की भी सिफ़ारिश की गई है।