शोभायात्रा के दौरान भाजपा नेता ने की SSP आवास पर तोड़फोड़, सांसद समेत 8 लोगों पर मुकदमा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में गुरुवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर शोभायात्रा के दौरान हुआ झड़प तुल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में दोनों पक्षों पर केस दर्ज किया गया है। भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा समेत उनके 8 समर्थकों पर मामला दर्ज किया है।

बताया जा रहा है कि सांसद ने जानबूझकर उस इलाके से शोभायात्रा निकाला जहां तनाव होने के पूरी संभावना थी। प्रशासन ने इस इलाके में जाने पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन सांसद और उनके समर्थक नहीं माने और शरारतन जूलूस का रुख गांव की तरफ मोड़ दिया। जैसे ही शोभायात्रा जनकपुरी थाने के दूधली इलाके पहुंची स्थानीय लोगों और भाजपा समर्थकों के बीच गाली-गलौज और पथराव शुरू हो गया।

इतना ही नहीं मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी पर भी पथराव किया गया। इस दौरान भाजपा और हिन्दू संगठन के लोगों ने एसएसपी लव कुमार के आवास को घेर लिया। डीएम की गाड़ी तोड़ दी गई।

इस ही नहीं भाजपा नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर एसएसपी आवास के सीसीटीवी कैमरे, नेम प्लेट को भी तोड़ दिया। कई दुकानों में तोड़फोड़ की और उसका सामान लूट लिया है। आगे चलकर मामला इतना संगीन हो गया कि डीएम और एसएसपी ने भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। इस दौरान कमिश्नर की गाड़ी पर भी पथराव किया गया। इसके बाद उल्टे सांसद सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने डीएम और एसएसपी पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि वे पूर्व सरकार से प्रभावित हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लव कुमार ने बताया कि प्रशासन की अनुमति के बिना गांव में शोभायात्रा निकाली जा रही थी, जिससे दो समूहों में पथराव शुरू हो गया। हालांकि स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों तरफ से हुए पथराव में सांसद समेत कई लोग घायल हुए है। इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

पुलिस ने फिलहाल पूरे जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। डीआईजी जितेंद्र कुमार शाही ने आसपास के जनपदों से पुलिस बल मंगवाया है। अपर पुलिस महानिदेशक दलजीत चौधरी ने बताया कि स्थिति अभी नियंत्रण में है। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शोभायात्रा को निकालने के लिए भाजपा सांसद राघव लखन पाल शर्मा, पूर्व विधायक राजीव गुंबर वगैरह बीच सुबह प्रशासन और उनके बीच कहा सुनी हुई थी। लेकिन प्रशासन ने इलाके से शोभायात्रा न निकलने को कहा। इसके बाद तय हुआ कि शोभायात्रा गांव के बाहर से ही निकाली जाएगी।

लेकिन जैसे ही शोभायात्रा निकला तो उसे गांव में प्रवेश करा दिया गया। उसके बाद दूसरी तरफ से पथराव शुरू हो गया। इसके बाद सड़क दूधली गांव के अंदर और हाइवे पर मौजूद दुकानों में लूटपाट की गई और तोड़फोड़ किया। कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया।