2019 लोकसभा चुनाव: मस्जिदों पर नज़र क्यों रखना चाहती है बीजेपी?

भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर मस्जिदों, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की मस्जिदों के लिए विशेष पर्यवेक्षकों को नियुक्त करने का आग्रह किया है।

‘द वायर’ की रिपोर्ट के मुताबिक़, बीजेपी का कहना है कि मस्जिदों में राजनीतिक और धार्मिक नेता लोगों के बीच नफ़रत फैलाकर चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।

हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों ने बीजेपी की इस चिंता पर आश्चर्य जताते हुए कहा है कि बीजेपी की यह मांग ऐसे ही है जैसे उलटा चोर कोतवाल को डांटे, क्योंकि यह बीजेपी और आरएसएस व विश्व हिंदू परिषद जैसे उसके पित्र संगठन ही हैं जो समाज को नफ़रत के आधार पर बांटकर वोटों का ध्रुविकरण करते हैं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, इस पत्र में प्रदेश बीजेपी के क़ानून विभाग के संयोजक नीरज ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सदस्यों द्वारा धार्मिक आधारों पर मतदाताओं के ध्रुवीकरण के निरंतर प्रयासों के चलते हम आपको यह शिकायत करने पर विवश हुए हैं।

पत्र में कहा गया, ‘कई बार ऐसा देखा गया है कि ये भड़काऊ भाषण मस्जिदों में या इसके आसपास दिए गए हैं, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विशेष रूप से जुमे के दिन इकट्ठा होकर नमाज़ अदा करते हैं, जो इन नफ़रत भरे भाषणों का आसान शिकार बनते हैं।