21 सिगरेट पीने के बराबर है दिल्ली में सास लेना : विशेषज्ञ

दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसकी वजह से शुक्रवार को दिल्ली की हवा में सांस लेना 20 सिगरेट पीने के बराबर रहा। आनंद विहार, वजीरपुर और मथुरा रोड (सीआरआरआई) में हवा की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि यहां दिनभर हवा में सांस लेना 21 सिगरेट पीने के बराबर था।

बर्कले अर्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक सिगरेट एक दिन के लिए 21.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के वायु प्रदूषण के बराबर है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के भौतिकी के दो प्रोफेसरों ने वर्ष 2015 में फेफड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदूषक कण पीएम 2.5 की क्षमता को सिगरेट के धुएं के साथ सह-संबंधित किया और पाया कि जब पीएम 2.5 का स्तर 21.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो तो वह एक सिगरेट के बराबर होता है। इस हिसाब से देखें तो बुराड़ी में शुक्रवार को पीएम 2.5 का स्तर 443 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था यानी यह 20 सिगरेट पीने के बराबर था। इसी तरह मुंडका, रोहिणी और ओखला फेस-2 की हवा में सांस लेना भी 20 सिगरेट पीने जैसा था।

दिमागी दौरे की आशंका को डेढ़ गुना बढ़ा सकती है ऐसी हवा
एम्स के मेडिसन विभाग के प्रो. नवल विक्रम ने पीएम 2.5 के स्तर के हिसाब से दिल्ली के अधिकतर इलाकों में लोगों को औसतन 20 सिगरेट पीने के बराबर नुकसान हो रहा है। दिमागी दौरे से मरने वालों में 11 प्रतिशत मरीज धूम्रपान करने वाले होते हैं। वहीं, ऐसे लोग जो 20 या इससे अधिक सिगरेट या बीड़ी प्रतिदिन पीते हैं उन्हें दिमागी दौरा पड़ने की आशंका दूसरों के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक रहती है।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा
सांस और दिल की बीमारियों के मरीजों के लिए तो बढ़ता प्रदूषण जानलेवा साबित हो सकता है। प्रो. नवल के मुताबिक, बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे अधिक असर पड़ता है। वहीं, गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पलने वाले बच्चों को भी इससे बेहद क्षति पहुंचती है। इससे लोगों की हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं।

हृदयघात का खतरा बढ़ जाता है
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक शोध के मुताबिक, अगर कोई 20 की बजाए हर रोज एक सिगरेट पीता है तो हम हम सोचते हैं कि खतरा पांच फीसदी ही है। मगर, यह सिर्फ फेफड़ों के कैंसर के लिए ही सच है। हृदयघात के मामले में एक पैकेट की तुलना में एक सिगरेट से जोखिम महज पचास फीसदी ही कम होता है।

दिल्ली के अधिकतर इलाकों में लोगों को प्रदूषण की वजह से औसतन 20 सिगरेट पीने के बराबर नुकसान हो रहा है। सांस और दिल की बीमारियों के मरीजों के लिए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।