28 वीं क़ैदी होने के बावजूद अफ़ज़ल को वक़्त से पहले फांसी क्यों दी गई : महबूबा

जम्मू ,01 मार्च: जम्मू-ओ-कश्मीर असेम्बली के बजट इजलास का तूफ़ानी आग़ाज़ हुआ जहां अपोज़ीशन अरकान ने गवर्नर के इफ़्तिताही ख़िताब का बाईकॉट किया और अफ़ज़ल गुरु की फांसी को मुद्दा बनाते हुए धरना मुनज़्ज़म किया। अफ़ज़ल गुरु की फांसी पर एहतिजाज करने वाले आज़ाद एम एल ए इंजीनियर अबदुर्रशीद को एवान से मार्शलों ने बाहर कर दिया,क्योंकि वो बार बार गवर्नर की तक़रीर में रखना अंदाज़ी कर रहे थे,जबकि पी डी पी एच एल अज़ ने असेम्बली कामप्लेक्स के रूबरू एहतिजाजी मुज़ाहिरे का सिलसिला जारी रखा और मुतालिबा किया कि अफ़ज़ल गुरु की बाक़ियात को इस के अरकान ख़ानदान के हवाले किया जाये।

अपोज़ीशन क़ाइद महबूबा मुफ़्ती की क़ियादत में पी डी पी एम एल अज़ ने अफ़ज़ल गुरु की फांसी को रोकने में नाकाम होने पर रियासती हुकूमत को तन्क़ीदों का निशाना बनाया। दरीं असना महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि कश्मीरी अवाम ये जानना चाहते हैं कि आया उन की रियासत हिन्दुस्तानी जमहूरिया का ही हिस्सा है या नहीं ? अगर है तो अफ़ज़ल गुरु जो मौत की सज़ा पाने वाले क़ैदियों में 28 वे नंबर पर थे उसे वक़्त से पहले फांसी क्यों दी गई ? उसे अपने अरकान ख़ानदान से मुलाक़ात की इजाज़त क्यों नहीं दी गई ? ये सरासर नाइंसाफ़ी है।

पी डी पी एम एल अज़ ने गवर्नर वोहरा की तक़रीर का बाईकॉट किया और कहा कि गवर्नर जमहूरियत का एक हिस्सा हैं,और हम जिस तरह का एहतिजाजी मुज़ाहिरा कर रहे हैं,ये अफ़ज़ल गुरु की फांसी के ख़िलाफ़ हमारा जमहूरी तर्ज़ का एहतिजाज है। जम्मू-ओ-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के एम ल अज़ ने भी गवर्नर की तक़रीर का बाईकॉट किया और पार्टी एम एल ए हर्षदेव सिंह की क़ियादत में असेम्बली कामप्लेक्स के रूबरू धरना दिया।