2G इस्क़ाम : आर टी आई की बिना अवाम हक़ायक़ से वाक़िफ़

न्यूयार्क। 23 जुलाई (पी टी आई) वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी ने 2G असपकटरम अस्क़ाम पर उन की वज़ारत की जानिब से वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को रवाना किए गए मकतूब पर तबसरे से इनकार किया। उन्हों ने कहा कि वो इस मुआमला में कोई तबसरा नहीं करसकते क्यों कि ये मुआमला अदालत में ज़ेर दौरां है। परनब मुकर्जी हिंद।अमरीका अनोसटर फ़ोर्म में शिरकत के लिए यहां आए हुए हैं। उन्हों ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि 2G असपकटरम का मुआमला अदालत में ज़ेर तसफ़ीया है, चुनांचे वो कोई तबसरा नहीं करसकती। इस के इलावा सारे मुआमले पर सुप्रीम कोर्ट नज़र रखे हुए है।परनब मुकर्जी ने हिंदूस्तानी और अमरीकी ताजरीन से अलैहदा ख़िताब के दौरान कहा कि वज़ारत फ़ीनानस का पी ऐम ओ को रवाना करदा मकतूब महिज़ हक़ इत्तिलाआत क़ानून की वजह से मंज़रे आम पर आसका। उन्हों ने कहा कि हुकूमत ने कुरप्शन के ख़ातमा और हुक्मरानी को शफ़्फ़ाफ़-ओ-जवाबदेह बनाने के लिए जो इक़दामात शुरू किए हैं, हक़ इत्तिलाआत क़ानून इन में एक है। उन्हों ने कहा कि गुज़श्ता चंद साल के दौरान आर टी आई के ज़रीया कई उमूर को अवाम के रूबरू पेश किया गया है। आज एक इंतिहाई हस्सास ख़बर महिज़ आर टी आई की वजह से मंज़रे आम पर आई। ये नोट वज़ीर फ़ीनानस की जानिब से वज़ीर-ए-आज़म को रवाना किया गया। किसी ने आर टी आई से इस्तिफ़ादा करते होआए इस नोट की नक़ल तलब की है और हक़ीक़त सब के सामने है कि यही नोट आज एक अहम मौज़ू बना हुआ है। इस मकतूब का ऐसे तरीक़े से इस्तिमाल किया जाना चाहीए या नहीं ये एक अलैहदा सवाल है। सुप्रीम कोर्ट में पेश करदा वज़ारत फ़ीनानस के मकतूब में कहा गया है कि 2G असपकटरम लाईसैंस का हराज मुम्किन था, बशर्तिके उस वक़्त के वज़ीर फ़ीनानस पी चिदम़्बरम इसरार ना करती। परनब मुकर्जी ने कहा कि वो इस मकतूब के मंज़रे आम पर आने पर ये वाज़िह करना चाहते हैं कि हिंदूस्तानी शहरीयों को ऐसे हुक़ूक़ भी हासिल हैं। यहां तक कि एक इन्फ़िरादी शख़्स हुकूमत की फाईल का तक़ाज़ा करसकता है। किसी महिकमा जाती सैक्रेटरी या वज़ीर की दी गई हिदायात के बारे में मालूमात हासिल करसकता है। उन्हों ने बतायाकि दिफ़ाई शोबे और क़ौमी सलामती के मासिवा दीगर तमाम शोबों में शफ़्फ़ाफ़ियत के ज़रीया हक़ायक़ को अवाम तक पहुंचाया जा रहा है। इस हक़ इत्तिलाआत क़ानून का मूसिर तौर पर इस्तिमाल भी किया जा रहा है। हिंदूस्तान और अमरीका के ताजरीन से ख़िताब के दौरान उन्हों ने कुरप्शन से निमटने केलिए हुकूमत के इक़दामात और मुल्क भर में शहरीयों की बेदारी तहरीक पर सैर हासिल रोशनी डाली। उन्हों ने बताया कि हकूमत-ए-हिन्द मौजूदा निज़ाम को मज़बूत-ओ-मुस्तहकम बनाने के लिए कई क़वानीन वज़ा कररही है।