48 घंटों के भीतर भारी बारिश की चेतावनी, मॉनसून पहुंचा तटीय राज्यों में!

दक्षिण पश्चिम मानसून मंगलवार को अपने तय समय से तीन दिन पहले केरल पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक अब मानसून राज्य के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। इन इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। अगले 48 घंटे में यह कर्नाटक, उत्तर-पूर्व राज्यों के कुछ हिस्सों और बंगाल की खाड़ी पर भी छा जाएगा।

कर्नाटक के तटीय जिलों मेंगलोर और उडुपी में मंगलवार को करीब नौ घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई, जिससे बाढ़ जैसे हालात हो गए। बीते 10 साल में यहां एक दिन में 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज नहीं हुई। खराब मौसम के चलते बुधवार को स्कूलों की छुट्टी की घोषणा की गई है। वहीं उड़ाने और ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।

निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अरब सागर में बना गहरा निम्न दबाव आने वाले दिनों में मानसून को पश्चिमी तटों पर आगे की ओर ले आएगा। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के चलते मानसूनी हवाएं तेजी से आगे बढ़ेंगी। इससे जून के पहले सप्ताह में पूर्वोत्तर राज्यों में भी कुछ स्थानों पर मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी।

बता दें कि मौसम विभाग ने गत 16 अप्रैल को मानसून के पहले चरण में जून से सितंबर के लिये बारिश का दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान जारी किया था। इस चरण में बारिश की मात्रा औसत अनुमान से 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना जतायी गयी थी।

दूसरे चरण में जुलाई से अगस्त की अवधि के लिये आज जारी दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान के तहत मौसम के लिहाज से देश के चार भौगोलिक क्षेत्रों में उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत क्षेत्र में औसत बारिश का अनुमानित स्तर लगभग शतप्रतिशत रहने के अलावा दक्षिणी प्रायदीप क्षेत्र में इसका स्तर 95 प्रतिशत और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 93 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

विभाग ने मासिक आधार पर जुलाई महीने में देश में औसत बारिश का स्तर सामान्य अनुमान का 101 प्रतिशत और अगस्त में 94 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है। विभाग के मानकों के मुताबिक देश में बारिश का सामान्य औसत स्तर 89 सेमी है। यह स्तर वर्ष 1951 से 2000 के बीच हुई बारिश की औसत मात्रा के मुताबिक नियत किया गया है।