6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद में नमाज अदा करुंगा -मौलाना शहाबुद्दीन

बरेली। ऑल इंडिया जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने प्रेस वार्ता में ऐलान किया। उन्होने कहा कि छह दिसंबर को वह अपने साथियों के साथ अयोध्या के विवादित ढांचे पर नमाज पढ़ने जायेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बाबरी मस्जिद बनवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबका साथ और विकास की बात करते हैं तो बाबरी मस्जिद का दोबारा निमार्ण क्यों नहीं करवा रहे हैं।

 

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि छह दिसंबर 1992 काला दिन था। इसी दिन आरएसएस नेताओं के इशारे पर बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया था। 24 साल गुजर जाने के बाद भी इंसाफ नहीं मिला है इसीलिए इस साल छह दिसंबर को संगठन के कार्यकर्ता बाबरी मस्जिद परिसर में नमाज पढ़ मस्जिद निर्माण की दुआ करेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी से किया सवाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑल इंडिया जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि आप ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं। अगर आपका दिल साफ़ हैं तो बाबरी मस्जिद का निर्माण कराकर ‘सबका साथ सबका विकास’ दिखाएं।

इस काले दिन को कभी नहीं भूलेंगे

इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव नाजिम बेग ने कहा कि मुसलमान और इंसाफ पसंद लोग इस काले दिन को कभी नहीं भूलेंगे। हम बाबरी मस्जिद के निर्माण से कम किसी चीज पर राजी नहीं हो सकते। इस मौके पर जमात के मौलाना शहामत रज़ा खान ने मांग की कि उस समय के प्रधानमंत्री के वायदे के अनुसार बाबरी मस्जिद को इसी स्थान पर बनाने का रास्ता साफ़ हो।

 

 छह दिसंबर 1992 को हजारों की संख्या में कार सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। जिसके बाद से हर वर्ष छह दिसंबर को जहां हिंदूवादी संगठन शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं वहीं मुसलमान इस दिन को काला दिवस मनाते हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। फैसले आने से पहले केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं रखती। ऐसे में मौलाना शहाबुद्दीन का इस तरह का एलान करना उत्तर प्रदेश की  सियासत के चश्मे से ही देखा जाना चाहिए।