प्यार ने पहुंचाया पाकिस्तान जेल, आज होगी वतन वापसी

 

पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय नागरिक हामिद अंसारी की तीन साल की सजा 15 दिसंबर को पूरी हो गई.

पाकिस्तान की जेल में 6 साल से बंद भारतीय कैदी हामिद निहाल अंसारी को आखिरकार रिहाई मिल गई. अंसारी आज भारत लौटेंगे. पाकिस्तान ने अंसारी को 2012 में भारतीय जासूस बताते हुए कैद कर लिया था. 2015 में एक सैन्य अदालत ने फर्जी पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने के मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. अंसारी की मां ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार जताया है.

पाकिस्तान की कोर्ट ने अंसारी को भारत जाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए एक महीने का वक्‍त दिया है. जासूसी और बिना दस्तावेजों के पाकिस्तान में यात्रा करने के आरोप में अंसारी को सजा सुनाई गई थी.

छह साल पहले 2012 में हामिद अंसारी को पाकिस्तान की फेक आईडी के साथ पेशावर में पकड़ा गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अंसारी पाकिस्तान की उस लड़की के प्यार में वहां गए थे, जिसकी किसी और से जबरदस्ती शादी हो रही थी. पकड़े जाने के बाद पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें भारत के लिए जासूसी करने का दोषी ठहराया.

2012 में हामिद अंसारी ने पाकिस्तान के जिले कोहट जाने के लिए जब अपना मुंबई वाला घर छोड़ा, तब उनकी उम्र 27 साल थी. फौजिया की फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, हामिद के पास इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री है. वो मुंबई के वर्सोवा में अपने माता-पिता- फौजिया और नेहाल के साथ एक अपार्टमेंट में रहते थे. हामिद मुंबई के स्कूल में टीचर थे और उनके पिता नेहाल बैंकर हैं.

10 नवंबर तक हामिद हर दिन अपने घरवालों के साथ संपर्क में थे. उन्होंने बताया था कि दो दिनों के भीतर मुंबई वापस आ जाएंगे, लेकिन फिर अचानक हामिद से घरवालों का संपर्क टूट गया.

लेकिन हामिद के काबुल जाने की असली वजह कुछ और ही थी. घरवालों ने जब उनका फेसबुक अकाउंट और ईमेल चेक किया, तो मालूम हुआ कि हामिद पिछले दो साल से एक पाकिस्तानी लड़की के साथ बातचीत कर रहे थे और उस लड़की से प्यार करते थे.

दरअसल, लड़की के घरवालों ने किसी दूसरे लड़के के साथ शादी तय कर दी थी. लड़की इस रिश्ते से खुश नहीं थी. उसने कथित रूप से हामिद को पाकिस्तान आने और उसे बचाने के लिए कहा.

फौजिया ने उस पाकिस्तानी लड़की से संपर्क करने की भी कोशिश की थी, लेकिन उन्हें उस लड़की का कुछ अता-पता नहीं चल पाया. उन्होंने पाकिस्तान हाई कमीशन को लेटर लिखा, पाकिस्तान-भारत के ‘पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी’ के मुंबई स्थित कार्यकर्ता जतिन देसाई से मदद मांगी, लेकिन कुछ भी सहायता नहीं मिली.

Scroll.in की रिपोर्ट के मुताबिक, हामिद पाकिस्तान के कोहट जिले में घुसने में कामयाब हो गए थे. कोहट के एक होटल में फेक आईडी से कमरा लिया था. इस होटल में चेक-इन करने के एक घंटे के भीतर ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इस जानकारी पाकिस्तान के एक पत्रकार जीनत ने हामिद की मां फौजिया को दी.

14 महीने बाद जब हामिद की गिरफ्तारी की जानकारी मिली, तब फौजिया ने पाकिस्तान के मशहूर वकील काजी मुहम्मद अनवर की मदद से पेशावर हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इसके अलावा विदेश मंत्रालय से भी मदद मांगी थी. नवंबर 2017 में सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके बताया कि इस मामले में मंत्रालय पाकिस्तान से 52 बार आग्रह कर चुका है.

हामिद के परिवारवालों की तमाम कोशिश के बावजूद पाकिस्तान की एक अदालत ने फरवरी 2016 में हामिद को जासूसी के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुना दी. अब परिवालों को उनके घर वापस आने का इंतजार है.