VIDEO- कासगंज- 6 महीने इंतज़ार के बाद पुलिस के साए में पहुंची दलित युवक की बारात

आखिरकार तमाम विवादों के बीच कासगंज के निजामपुर गांव में संजय जाटव अपनी दुल्हन शीतल से ब्याह करने घोड़ी पर पहुंचे. हाथरस के रहने वाले संजय जाटव रविवार को सैकड़ों की संख्या में बारातियों के साथ और भारी पुलिस सुरक्षा के बीच शीतल से शादी करने पहुंचे.

दरअसल, संजय जाटव की शादी कासगंज के निजामपुर गांव की शीतल से 20 अप्रैल को ही होनी तय थी, लेकिन आरोप है कि शादी से पहले ही गांव के दबंगों ने घोड़ी पर गांव में दलित की बारात निकालने का विरोध किया और धमकी दी. संजय का कहना है कि इसके बाद वह प्रशासन के पास गया और प्रशासन ने दोनी पक्षों से बातचीत कर संगीनों के साए में यहां शादी कराई.

YouTube video

संजय जाटव ने कहा, ‘गांव के दबंगों ने कहा था कि घोड़ी पर बारात लेकर दलित नही जाएगा, लेकिन अब मैं बारात लेकर आया. करीब दस-बारह साल पहले मेरे ताऊ के लड़के की शादी इसी गांव में हुई थी, लेकिन दबंगों ने घोड़ी पर बरात नही जाने दी थी. मेरी शादी यहां तय हुई तो मैंने घोड़ी पर जाने की बात रखी, जिसका फिर गांव के दबंगों ने विरोध कर धमकी दी, लेकिन प्रशासन ने मदद की.’

बाकायदा बैंड, बाजा और सैकड़ों की तादाद में बाराती लेकर संजय जाटव शीतल से शादी करने पहुंचे. शादी में विधायक और कई क्षेत्रीय नेता भी शामिल थे. एएसपी, एडीएम, तमाम सीओ सहित करीब 200 पुलिस कर्मियों के संगीन के साए में ये शादी हुई. 20 अप्रैल को जब शादी की तिथि तय की गई थी, तब लड़की की उम्र 18 से कम थी जो अब बालिग़ हो गई है.

किसी तरह का कोई विवाद ना हो, इसके लिए पुलिस ने कई तरह की शर्तें रखी थीं, जिसमे बारात में असलहे और शराब न होने की बात थी. साथ ही एक रूट तैयार किया था जिससे होकर ही बारात को गांव में से निकलना था.

वहीं, दूसरी ओर हाथों में मेहंदी लगाए, दुल्हन शीतल के चेहरे पर खुशी के साथ खौफ भी मौजूद था. शीतल को डर है कि पुलिस की भारी मौजूदगी में वो तो ब्याह के चली जाएगी, लेकिन भविष्य में उसके परिवार पर इन दबंगों का ख़तरा हो सकता है.

दुल्हन शीतल के पिता का भी कहना है कि वह अपनी बेटी की शादी से खुश हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने धमकी दी थी कि घोड़ी पर बारात न निकले. अब बेटी चली जाएगी,  लेकिन ये दबंग उनके साथ भविष्य में बुरा कर सकते हैं.

इस विवादित शादी को कवर करने काफी मीडिया वाले थे. पूरा गांव इस शादी को देखने सड़क और छतों पर मौजूद था. इतना ही नहीं, गांव की हर घर के छत पर हथियारबंद पुलिसकर्मी भी मौजूद थे, ताकि कुछ गड़बड़ न हो.