AIMIM को रैली की इजाजत न देने वाले अधिकारियों की शिकायत चुनाव आयोग में करेंगे ओवैसी

लखनऊ: आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी को कानपुर में दूसरी बार जनसभा करने की इजाज़त नहीं देने से बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस मामले में एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट अविनाश सिंह की संदिग्ध भूमिका से ओवैसी इस कदर खफा हैं कि उनकी चुनावी जनसभा में रोड़ा अटकाने वाले अधिकारियों के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत करने की मंशा ज़ाहिर की है। उनका कहना है कि ऐसे अधिकारियों को अभी उनकी जगह से नहीं हटाया गया तो वे चुनाव को भी प्रभावित कर सकते हैं।

बता दें कि 28 अगस्त को ओवैसी की कानपुर के हलीम मुस्लिम कॉलेज ग्राउंड में जनसभा होनी थी। मगर प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। बताते हैं , एडीएम ने इस बारे में रिपोर्ट दी थी कि यदि ओवैसी की जनसभा हुई तो क्षेत्र में सपा का मुस्लिम जनाधार खिसक सकता है। इस समय क्षेत्र के सीसमन विधानसभा हलके की रहनुमाई सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी करते हैं।

इससे पहले 14 अगस्त को कानपुर में ओवैसी की जनसभा होनी थी। तब स्वतंत्रता दिवस का हवाला देकर प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा ने एडीएम की रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कोई अधिकारी ऐसी रिपोर्ट कौसे दे सकता है। वह उसकी जांच खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि जनसभा करन देने और नहीं करने देने की इजाज़त प्रशासन पुलिस रिपोर्ट के आधार पर देता है। एडीएम की रिपोर्ट को लेकर ज़रूर कोई ग़लत फहमी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि हलीम कॉलेज की ज़मीन को लेकर विवाद है। शायद इस लिए जनसभा की इजाज़त नहीं दी गई होगी। मगर ओवैसी प्रशासन के इस तर्क सेकतई सहमत नहीं। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि वे इस बारे में चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे।