बेरोजगारी आकड़े पर विवाद: मोदी सरकार पर विपक्ष का हमला!

देश में रोजगार से जुड़ी नैशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस की एक रिपोर्ट लीक हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज्यादा 6.1 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। हालांकि गुरुवार को नीति आयोग ने इन आंकड़ों को अपुष्ट बताया है।

आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि अभी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ये आंकड़े सरकार ने जारी नहीं किए।

उधर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया। सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया था। हाउ इज द जॉब्स। गौरतलब है कि इससे पहले पी.एम. मोदी ने सैनिकों के एक समारोह में कहा था कि हाउ इज द जोश।

पंजाब केसरी पर छपी खबर के अनुसार, राहुल का यह ट्वीट पी.एम. पर तंज माना जा रहा है। राजीव कुमार ने कहा कि रिपोर्ट तैयार होते ही सरकार आंकड़े सार्वजनिक करेगी। अब डाटा जुटाने की प्रक्रिया पहले से अलग है। नए सर्वे में पर्सनल इंटरव्यू भी शामिल किया गया है।

दोनों आंकड़ों की तुलना करना सही नहीं होगा। यह डाटा वैरिफाइड नहीं है इसलिए इसे अंतिम नहीं माना जाए। सर्वे के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 5.3 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 7.8 प्रतिशत रही। इनमें नौजवान बेरोजगार सबसे ज्यादा थे जिनकी संख्या 13 से 27 प्रतिशत थी। 2011-12 में बेरोजगारी दर 2.2 प्रतिशत थी।

एन.एस.सी. चेयरमैन समेत 2 का इस्तीफा बेरोजगारी के आंकड़ों पर विवाद के चलते राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के कार्यकारी चेयरमैन और सदस्य ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था।

उनका आरोप है कि आयोग से मंजूरी मिलने के बाद भी सरकार ने सर्वे अटका रखा है। मोहनन का कहना है कि रोजगार पर एन.एस.सी. के आंकड़े जारी नहीं करने के विरोध में उन्होंने इस्तीफा दिया। पिछले कुछ समय से उन्हें लग रहा था कि उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था।