ख़ुदा को भूलने वाली कौम बर्बाद हो जाया करती हैं: मौलाना अबू ज़फर हस्सान नदवी

लखनऊ: आज पूरी दुनिया में इंसानियत अपने खात्में की ओर कदम बढ़ा रही है। अल्लाह से दूरी बना लेने से इंसान बुराई और बद अकिदत का शिकार हो गया है। अल्लाह रब्बुल इज़्जत ने इंसान को हर नेमतो से नवाज़ा है, लेकिन अपने रब से गैर यकीनी और नास्तिकता ने खुदा का खौफ इंसान के दिल से निकाल दिया है। यह बात बीते रविवार लखनऊ की टीले वाली मस्ज़िद के मैदान में वहदत-ए-इस्लामी हिंद की ओर से बीते रविवार ‘अल्लाह से नाता जोड़ो’ जलसे के दौरान मौलाना अबू ज़फर हस्सान नदवी कही।

मौलाना अबू ज़फर हस्सान नदवी ने आगे कहा कि इतिहास गवाह है जो कौमे अल्लाह वादहु ला शरीक को भूल जाती है वो तबाहो बर्बाद और हलाक़ हो जाया करती हैं, हमे अपने इतिहास से इबरत हासिल करना और अपने रब से सच्चा ताल्लुक रखना चाहिए।

इस दौरान दारूल उलूम देवबंद के प्रवक्ता मौलना फरीदुद्दीन का़समी ने अपने तकरीब में फरमाया कि अल्लाह से नाता जोड़ने का मतलब ये है कि इंसान अल्लाह पर पूरा ईमान रखें और उसके बताए हुए रास्ते पर चलें जो बुराई और बद अकीदत से दूर रखता है और सच्चा सुकून देता है।


दारूल उलूम नदवतुल उलेमा नदवा के प्रवक्ता मौलाना सैयद सलमान हुसैनी नदवी ने कहा कि हक़ परस्ती ईमान की कुंजी है और हक़ कायम रहने वालों का खुदा इंतेहान लिया करता है हमे हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए।

नक़ीब वहदत-ए-इस्लामी हिंद यूपी के मौलाना मुहम्मद जमील सिद्दीकी ने कहा कि अल्लाह से नाता जोड़ना दरअसल अल्लाह पर सच्चा यकीन और ईमान पर मज़बूती से जमे रहना है। हमें अल्लाह से मुहब्बत होनी चाहिए और अपनी ज़िन्दगी अल्लाह के बताए सीधे रास्ते पर चलना चाहिए जिन चीज़ों से अल्लाह ने मनाही फरमाई है हमे उनसे दूर रहना चाहिए।


वहीँ वहदत-ए-इस्लामी के महासचिव ज़ियाउद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि उम्मत को अल्लाह पर अकीदतों यकीन रखना चाहिए और कुरान की तालीम को दूर दूर तक फैलाना चाहिए।

इस इजलास में लखनऊ और सूबे के आसपास के ज़िलों के साथ—साथ दूसरे सूबों से भी बहुत से अकीदतमंदों ने शिरकत की।
ये इजलास गुजिश्तां 31 नवम्बर 2016 को महाराष्ट्र सूबे के औरंगाबाद से शुरू हुआ था जिसका समापन इतवार के रोज लखनऊ में किया गया।

  • शम्स तबरेज़