अमर्त्य सेन के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर हुआ रिलिज, विवाद बढ़ा

मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘द आर्ग्युमेंटेटिव इंडियन’ का ट्रेलर शुक्रवार को रिलिज कर दिया गया। इसे सुमन घोष ने बनाया है। इसको लेकर कई दिनों से विवाद चल रहा है।

दरअसल,सेंसर बोर्ड ने डॉक्यूमेंट्री में इस्तेमाल कुछ शब्दों को पर एतराज जताया था। मसलन बोर्ड ने फिल्म से ‘गाय’, ‘गुजरात’ और ‘हिंदू इंडिया’ और ‘हिंदुत्व’ जैसें शब्दों को हटाने का निर्देश दिया। अभी जो ट्रेलर रिलिज किया गया उसमें इन शब्दों का तो इस्तेमाल नहीं किया गया पर कहा जा रहा है कि यह फिल्म अपने मूल रूप में दर्शको को दिखाई जाएगी।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आपत्तिजनक शब्दों को हटाए बिना डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर रिलीज करना गैरकानूनी है। वहीं फिल्म के निर्देशक सुमन घोष ने शुक्रवार को इसका ट्रेलर फेसबुक पर डालते हुए लिखा, ”मैंने लोगों के साथ डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर शेयर करने का फैसला किया है। क्योंकि इसे रिलीज करने की इजाज़त नहीं मिल रही थी।”

इसके बाद उन्होंने कहा, “हम 14 जुलाई को इसे रिलीज करना चाहते थे, इसके लिए ट्रेलर भी तैयार कर लिया था। अगर आपको अच्छा लगे तो इसे जरूर शेयर करें। लोगों और मीडिया से मिले सपोर्ट के लिए आभारी हूं।”

Today the 14th of July we were supposed to release our film THE ARGUMENTATIVE INDIAN. Ofcourse we were not allowed to….

Geplaatst door Suman Ghosh op Donderdag 13 juli 2017

दूसरी तरफ सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष गोविंद निहलानी ने इस संबंध में टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अनसर्टिफाइड ट्रेलर को पब्लिक के लिए अपलोड करने को सेंसर बोर्ड के साथ कॉन्ट्रोवर्सी क्रिएट करने का तरीका बताया। ऐसा घोष ने पब्लिसिटी पाने के लिए किया है।

उन्होंने अखबा से कहा है, “सिनेमेटोग्राफ ऐक्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि पब्लिक एग्जिबिशन के लिए किसी फिल्म का सर्टिफिकेशन होना अनिवार्य है। जब कोई ट्रेलर ऑनलाइन अपलोड किया जाता है तो क्या इसे बसों, स्टेशनों और ट्रेनों में नहीं देखा जाता है? अगर कोई अनसर्टिफाइड कॉन्टेंट बिना वेरिफिकेशन के अपलोड करता है और इसे पब्लिक देखती है तो यह एक बड़ी चूक है।”

गौरतलब है कि अमर्त्य सेन नरेंद्र मोदी और उनके नीतियों के कट्टर आलोचक रहे हैं। इस फिल्म में उन्होंने गुजरात दंगों में मुसलमानों जनसंहार पर चर्चा किया है। डॉक्यूमेंट्री में इस बात का भी जिक्र है कि कैसे हिंदुओं के लिए पवित्र मानी गई गाय अहम मुद्दा बन गई है।

इसके अलावा इसमें अमर्त्य सेन को अपने छात्रों और अर्थशास्त्र के प्राध्यापक के बात करते दिखाया गया। बता दें कि न्यूयॉर्क और लंदन में इस फिल्म की पहले ही स्क्रीनिंग की जा चुकी है।