मुस्लिमों को लेकर चीन की दोहरी नीति, अमेरिका ने उठाए सवाल!

अमेरिका ने चीन को अपने देश में लाखों मुसलमानों को प्रताड़ित करने और दूसरी तरफ आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध से बचाने को लेकर जमकर आलोचना की है।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, चीन की आलोचना करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा, “चीन अपने घर में लाखों मुसलमानों को प्रताड़ित करता है, लेकिन हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध से बचाता है।“

पॉम्पियो का इशारा स्पष्ट रूप से चीन द्वारा पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित किए जाने के प्रस्ताव को रोकने की ओर था।

पॉम्पियो ने जैश या मसूद का नाम लिए बिना बुधवार को ट्वीट किया, ‘दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक तरफ चीन अपने देश में 10 लाख से अधिक मुसलमानों को प्रताड़ित करता है और दूसरी तरफ यह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को यूएन प्रतिबंध से बचाता है।’

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था लेकिन चीन ने इसे रोक कर दिया।

चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के अन्य सभी सदस्यों ने इसका समर्थन किया था। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। चीन जहां पाकिस्‍तान में बैठे मसूद अजहर को आतंकी नहीं मानता है वहीं अपने यहां के उइगर मुस्लिम उसको आतंकी दिखाई देते हैं।

बता दें कि हाल ही में चीन ने दावा किया था कि उसने हिंसाग्रस्‍त शिनजियांग प्रांत में 2014 से जारी कार्रवाई के तहत अब तक करीब 13 हजार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान सूबे में सक्रिय सैकड़ों आतंकी संगठनों का सफाया भी किया गया।