दाभोलकर हत्या मामले में नया खुलासा, अब छह लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार!

महाराष्ट्र के पुणे में पांच साल पहले हुई सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। दाभोलकर की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल पिछले पखवाड़े तक एक शूटर सचिन अंदुरे के पास ही थी।

लेकिन महाराष्ट्र एटीएस द्वारा अगस्त के दूसरे सप्ताह में की गई कार्रवाई के बाद सचिन ने यह पिस्तौल तीन लोगों के जरिए औरंगाबाद में छिपा दी थी। एटीएस और सीबीआई की छानबीन में यह तथ्य सामने आया है।

एटीएस ने 9 और 11 अगस्त को नालासोपारा और पुणे में दो बड़ी कार्रवाई की थीं। इनमें जिंदा बम, विस्फोटक के अलावा काफी संख्या में पिस्तौल भी जब्त की गई थीं।

इन दोनों ही ऑपरेशन में वैभव राउत, शरद कालसकर और सुधानवा गोंधलेकर को गिरफ्तार किया गया। शरद कालसकर, सचिन अंदुरे का दोस्त है, इसलिए सचिन को जैसे ही उसकी गिरफ्तारी की खबर मिली, उसने अपनी पत्नी के कजिन शुभम सुराले को 7.65 एमएम बोर की पिस्तौल छिपाने को दे दी।

शुभम ने बाद में पिस्तौल को अपने भाई आजिंक्य सुराले को दे दी, जिसके बाद आजिंक्य ने अपने एक दोस्त रोहित रेगे को दे दी। इस बीच महाराष्ट्र एटीएस की कस्टडी में बंद शरद कालसकर ने नरेंद्र दाभोलकर केस में सचिन अंदुरे का नाम लिया। चूंकि दाभोलकर केस की जांच सीबीआई कर रही थी, इसलिए एटीएस ने यह जानकारी सीबीआई के साथ शेयर दी, सचिन को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई।

सीबीई की पूछताछ में पिस्तौल की जानकारी सामने आने के बाद दो दिन तीन कारतूस और एक तलवार के साथ जब्त की गई। वहीं जांच में यह बात सामने आई है कि 20 अगस्त, 2013 को पुणे में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के बाद सचिन अंदुरे ने उस हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार गौरी लंकेश की हत्या के एक आरोपी अमोल काले को दे दिया था। हालांकि, फरेंसिक जांच के बाद ही इस मामले का खुलासा हो पाएगा। गौरी की पिछले साल कर्नाटक में हत्या कर दी गई थी।