Asian games 2018 में भारत का रिपोर्ट कार्ड: 69 पदक जीत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ खत्म हुआ अभियान

जकार्ता: मुक्केबाज अमित पांघल और ब्रिज में पुरुष युगल जोड़ी के स्वर्ण पदकों के दम पर भारत ने एशियाई खेलों में अब के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ शनिवार को यहां अपने अभियान का शानदार अंत किया. भारत ने इन खेलों में 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक सहित कुल 69 पदक जीते जो उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 में ग्वांग्झू खेलों में था जब उसने 14 स्वर्ण सहित 65 पदक जीते थे. भारत ने साल 1951 के एशियाई खेलों में अपने प्रदर्शन की बराबरी भी की. 1951 में भी भारत ने 15 स्वर्ण पदक जीते थे.

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक के मैच में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की टीस को कम किया जबकि महिला स्क्वॉश टीम को फाइनल में हारने के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

अंतिम दिन बॉक्सिंग और ब्रिज में स्वर्ण
भारत ने प्रतियोगिताओं के आखिरी दिन भी अपना स्वर्णिम अभियान जारी रखा. पहले अमित (49 किग्रा) ने मौजूदा ओलंपिक और एशियाई चैंपियन हसनब्वाय दुसमातोव को हराकर सोने का तमगा हासिल किया जबकि इसके बाद पहली बार इन खेलों में शामिल किये गये ब्रिज के पुरुष युगल स्पर्धा में प्रणब बर्धन और शिबनाथ सरकार ने स्वर्ण पदक जीता.

 

बॉक्सिंग: अमित ने लिया स्वर्णिम बदला
सेना के 22 वर्षीय अमित एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले ओवरआल आठवें भारतीय मुक्केबाज बने. वे फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज थे. उन्होंने प्रबल दावेदार दुसमातोव को 3-2 से हराया. उन्होंने इस तरह से पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में उज्बेकिस्तान के इस मुक्केबाज से मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया. अमित ने बाद में कहा, ‘‘मैं इससे पहले उससे हार गया था इसलिए मैंने बदला चुकता कर दिया. कोच सैंटियागो (नीवा) और अन्य कोच ने मुझे अच्छी तरह से तैयार किया था. सेमीफाइनल में मैं पहले राउंड में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया था, लेकिन यहां मैंने कोई गलती नहीं की.’’

 

ब्रिज: प्रणब बने सबसे उम्रदराज पदक विजेता
भारत को अप्रत्याशित स्वर्ण पदक ब्रिज खेल में मिला जिसमें पहला स्थान हासिल करके 60 वर्षीय प्रणब भारतीय दल में पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज व्यक्ति भी बन गये. उन्होंने और 56 वर्षीय शिबनाथ ने फाइनल्स में 384 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया. इस भारतीय जोड़ी ने चीन के लिक्सिन यांग और गांग चेन (378 अंक) को पीछे छोड़कर सोने का तमगा हासिल किया. जाधवपुर विश्वविद्यालय में शिक्षक सरकार ने कहा, ‘‘मैं कल रात सो नहीं पाया था और नाश्ते में मैंने केवल फल खाये. यह कड़ा था. तनाव से रक्तचाप भी बढ़ता है. हमने चीन और सिंगापुर को हराया. यह हमारे लिये बहुत अच्छा परिणाम है.’’

भारत की दो अन्य जोड़ियां हालांकि अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी. सुमित मुखर्जी और देबब्रत मजूमदार की जोड़ी 333 अंक लेकर नौवें जबकि सुभाष गुप्ता और सपन देसाई 306 अंक के साथ 12वें स्थान पर रहे.

 

हॉकी: पुरुषों को कांस्य, महिलाओं को रजत
हॉकी में सेमीफाइनल में मलेशिया से हार के बाद आलोचनाएं झेल रही भारतीय पुरुष टीम ने पाकिस्तान पर 2-1 से जीत दर्ज करके सुनिश्चित किया कि वह खेलों से बैरंग स्वदेश नहीं लौटेगी. आकाशदीप सिंह ने मैच के तीसरे मिनट में ही गोलकर भारत का खाता खोला. हरमनप्रीत सिंह ने मैच के 50वें मिनट में गोल कर भारतीय बढ़त को दोगुना कर दिया. पाकिस्तान के लिए एकमात्र गोल मुहम्मद अतीक ने किया.

 

स्क्वॉश: इस बार भी रजत पदक
स्क्वॉश में भारतीय महिला टीम फाइनल में हांगकांग से हार गयी और इस तरह से उसे लगातार दूसरी बार रजत पदक से संतोष करना पड़ा. सुनन्या कुरूविला और भारत की नंबर एक जोशना चिनप्पा अपने एकल मैच गंवा बैठी. भारत की यह हांगकांग के हाथों तीन दिन के अंदर दूसरी हार है. भारत के लिये रजत पदक जीतना भी उपलब्धि है. उसने सेमीफाइनल में मलेशिया को हराया था. भारतीय टीम ने चार साल पहले इंचियोन में भी रजत पदक जीता था.

 

जूडो में भारत की मिश्रित टीम क्वार्टर फाइनल में कजाखस्तान से 0-4 से हार गयी. भारतीय टीम में विजय कुमार यादव, हर्षदीप सिंह बरार, कल्पना देवी थौडम और गरिमा चौधरी शामिल थे.