नेशनल सिटीजन रजिस्टर का फाइनल ड्राफ्ट : विपक्षी दल सत्तारूढ़ भाजपा को घेरने में जुटे

गुवाहाटी। असम का नागरिकता रजिस्टर का फाइनल ड्राफ्ट जारी करने वाले रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीए) शैलेश ने तीन साल तक चली प्रक्रिया को देश और दुनिया में भी सबसे बड़ी गिनती बताया है।

सोमवार को जारी इस रजिस्टर में 2.89 करोड़ लोगों को नागरिकता के योग्य माना गया है वहीं, 40 लाख लोगों को इसमें जगह नहीं मिल सकी है। इस रजिस्टर के जारी होने के बाद सियासी घमासान भी मचा हुआ है। टीएमसी समेत कई विपक्षी दल इस मसले पर सत्तारूढ़ बीजेपी को घेरने में जुटी है।

शैलेश ने बताया, ‘नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस अपने स्तर, आकार और जटिलता अभूतपूर्व है। देश में, शायद दुनिया में, इसका जैसे कुछ नहीं।’ उन्होंने बताया कि असम की जनगणना देश के बाकी हिस्सों से अलग है।

उन्होंने बताया कि जनगणना से अलग असम के रजिस्टर को अपडेट करने के लिए लोगों के घरों तक नहीं जाया गया। इसके लिए लोग सेवा केंद्रों पर गए या ऑनलाइन ही आवेदन भरे। लोगों के आवेदनों की बाद में कर्मचारियों ने घर-घर जाकर फील्ड वेरिफिकेशन के जरिये पुष्टि की।

उन्होंने बताया कि इससे लोगों के पास अब डिजिटल डेटा हो गया है। इसमें 1951 के रजिस्टर और 24 मार्च, 1971 तक का इलेक्टोरल रोल शामिल है। उन्होंने बताया कि यह प्रशासन के लिए बड़ी मदद साबित हुआ, क्योंकि उनके पास आवेदकों की योग्यता पता लगाना आसान हो गया।