नवजात बच्चे को दूध पिलाने न जाने पड़े घर, इसलिए MLA ने की विधानसभा में फीडिंग रूम की मांग

असम: बीते साल ऑस्ट्रेलिया में महिला सांसदों को संसद में ही बच्चे को दूध पिलाने की इजाजत दे दी है। जिसके बाद इस साल की शुरुआत में आस्ट्रेलियन सांसद लरिस्सा वॉटर्स देश की ऐसी पहली महिला राजनेता बनी जिन्होंने अपनी नवजात बच्ची को संसद में ही दूध पिलाया था।

ऑस्ट्रेलिया के बाद भारत में भी ये मांग उठी कि इस क़ानून को यहाँ भी लागू किया जाए।

इस संदर्भ में असम की विधायक अंगूरलता डेका ने विधानसभा में बच्चों को दूध पिलाने के लिए एक कमरा बनाने की मांग उठाई है।

उनका कहना है विधानसभा में फीडिंग रूम होना जरूरी है ताकि घर में मौजूद उनकी एक महीने की बच्ची को भूखा न रहने पड़े।

उन्होंने बताया कि 4 सितंबर से शुरु हुए मानसून सेशन के दौरान उन्हें विधानसभा से अपने घर तक अपनी बच्ची को दूध पिलाने के लिए काफी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिसके चलते मैं विधानसभा में होने वाली काफी बहस और चर्चाएं छोड़ चुकी हूं। उनका कहना है कि

मैं ये नहीं कह रही हूं कि ऑस्ट्रलिया जैसा ही कानून यहां भी बनाया जाए लेकिन मैं चाहती हूं कि तनज़ानियन सांसद की तरह हमारे लिए के स्पेशल कमरा बनाया जाए जहां मेरी जैसी मां अपने बच्चों की देखभाल कर सकें।

अंगूरलता ने पार्लियामेंटरी अफेयर्स मिनिस्टर चंद्र मोहन से विन्नती की है कि विधानसभा में स्पेशल कमरा बनवाया जाए। इसके साथ वह सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों पर भी महिलों के लिए स्पेशल रूम बनाने की मांग कर रही हैं।