बाबरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को किया खारिज

नई दिल्ली: अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मालिकाना हक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई में यूपी सरकार द्वारा एसोसिएट सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पहले अपना पक्ष पेश किया। उन्होंने मामले की सुनवाई जल्द पूरा करने की मांग की। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उचित कार्रवाई के बिना यह सुनवाई की जा रही है।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

सुब्रमणियम स्वामी ने विवादित स्थल पर लोगों को पूजा करने के अधिकार देने की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सभी पक्षों को सबसे पहले यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि कौन किस के पक्ष से है। इस पर सुन्नी बोर्ड की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले के कई पक्षों का निधन हो चुका है, ऐसे में उन्हें बदलने की जरूरत है।

आपको बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मामले का खुद को एक पेटिशनर बताया था। उसके बाद स्वामी ने उन्हें मौका दिए जाने का अनुरोध किया, जिस पर अदालत ने कहा कि वह सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद उन्हें मौका देंगे।

सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि इस मामले से जुड़े दस्तावेज कई भाषाओं में हैं, ऐसे में पहले उनके अनुवाद किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बेहद अहम बात के समाधान के लिए तीन जजों जस्टिस दीपक मिश्रा, अशोक भूषण और अब्दलु नज़ीर की विशेष बेंच स्थापित की है। यह बेंच इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं और विवादित ज़मीन के मालिकाना हक पर फैसला करने के लिए रोजाना सुनवाई करेगी।