रेप कांड को उजागर करने वाले पत्रकार के खून से सने हैं बाबा राम रहीम के हाथ!

सीबीआई की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के चीफ बाबा राम रहीम को साध्वी के साथ रेप केस में दोषी करार दिया है। 28 अगस्त को राम रहीम को सज़ा सुनाई जाएगी। लेकिन बाबा राम रहीम के अपराध का सफर यहीं नहीं खत्म होता।

बाबा राम रहीम के खिलाफ इस रेप को उजागर करने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या का भी मामला दर्ज है।  दरअसल रामचंद्र ने अपने अखबार के ज़रिए राम रहीम के खिलाफ 15 वर्ष पहले साध्वी के साथ रेप का मामला उजागर किया था। उन्होंने अपने अखबार में साध्वी के उस गुमनाम पत्र को छापा था जिसमें साध्वी ने राम रहीम पर रेप का आरोप लगाया था।

रामचंदर छत्रपति की 24 अक्टूबर 2002 में उनके घर पर प्वाइंट ब्लैंक पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्या राम रहीम के खिलाफ साध्वी के साथ रेप की खबर अखबार में छपने के कुछ महीने बाद ही की गई थी। अखबार में एक पत्र छापा गया था जिसमें लिखा गया था कि जब दो साध्वी राम रहीम के आश्रम पर शांति के लिए गईं तो बाबा राम रहीम ने उनके साथ रेप किया था।

रामचंद्र के बेटे को आज भी अपने पिता की हत्या के मामले में इंसाफ का इंतजार है। वह पिछले 15 साल से अपने पिता की हत्या के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं। अंशुल बताते हैं कि जिस वक्त मेरे पिता की हत्या की गई तो मेरी उम्र सिर्फ 21 वर्ष थी और मुझे पता नहीं था कि मैं इंसाफ के लिए कहां जाउं, पुलिस ने अपनी एफआईआर में डेरा चीफ का नाम नहीं दर्ज किया।

जिसके बाद मैंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की और 2003 में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। जबसे डेरा चीफ के खिलाफ अंशुल ने अपनी लड़ाई शुरू की उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी मिलती रही, यही नहीं बहुत ही मुश्किलों से अंशुल अपने पिता के अखबार ‘पूरा सच’ को चला रहे हैं।

अंशुल कहते हैं कि मेरे पिता ने 28 दिन तक मौत से लड़ाई लड़ी थी, उन्होंने स्थानीय पुलिस को अपने बयान में डेरा चीफ को आरोपी तक बताया था, बावजूद इसके पुलिस ने डेरा चीफ का नाम एफआईआर में दर्ज नहीं किया और तभी से मेरी इंसाफ के लिए लड़ाई शुरू हुई थी।