बैतुल मुक़द्दस को बेचा नहीं जा सकता है, हम उसे आजाद करा कर ही दम लेंगे!

विदेश मंत्री ने कहा है कि बैतुल मुक़द्दस अमरीका का नहीं है कि वह उसे इस्राईल को प्रदान कर दे और न ही ज़ायोनी शासन बैतुल मुक़द्दस पर स्वामित्व का दावा कर सकता है क्योंकि यह मुसलमानों और फ़िलिस्तीनी जनता का है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने तेहरान में विश्व क़ुद्स दिवस की रैली में कहा कि आज का संदेश यह है कि बैतुल मुक़द्दस बिकाऊ नहीं है और किसी को भी यह हक़ नहीं है कि वह मुसलमानों के पहले क़िब्ले को ज़ायोनियों के हवाले कर दे या एेसा कोई भी काम करे जिससे फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों का हनन हो।

विदेश मंत्री ने कहा कि बड़े खेद की बात है कि उंगलियों पर गिने जा सकने वाले कुछ अरब शासक अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और हितों की रक्षा के लिए इस भ्रम में हैं कि अगर वे ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतनयाहू के साथ हो जाएं तो उनकी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी लेकिन वास्तविकता यह है कि जब नेतनयाहू आयरन डोम के साथ इस्राईल की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं तो वे इन देशों का क्या समर्थन करेंगे?

मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि बेहतर होगा कि इस्लामी सहयोग संगठन के सम्मेलन में ईरान के बारे में निराधार दावे दोहराने के बजाए वह काम किया जाए जिसके लिए इस संगठन का गठन किया गया था और वह था बैतुल मुक़द्दस और फ़िलिस्तीन की अत्याचारग्रस्त जनता का समर्थन।

उन्होंने कहा कि आज संसार में मुसलमान यह दिखाने के लिए एकत्रित हुए हैं कि जो लोग “डील आॅफ़ द सेंचुरी” के चक्कर में हैं वे वास्तव में पश्चिम की पराजय तक पहुंच जांएगे।