बिहार सरकार उर्दू शिक्षकों की बहाली में लापरवाही कर रही है: विपक्ष

पटना। बिहार में उर्दू शिक्षकों की बहाली का मामला सुर्खियों में है। विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगया है कि सरकार उर्दू शिक्षकों की बहाली के बारे में लापरवाही का प्रदर्शन कर रही है, जबकि सत्ताधारी पार्टी का दावा है कि सरकार उर्दू शिक्षकों की बहाली के बारे में गंभीर है।

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विपक्ष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नियत पर हमला बोला है। आरजेडी नेता तनवीर हसन के अनुसार सरकार उर्दू शिक्षकों की बहाली में बहुत सुस्ती कर रही है।

गौरतलब है कि बिहार में 73 हज़ार प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी स्कूलों में एक एक उर्दू शिक्षक को बहाल करने का फैसला किया है, लेकिन अब तक 50 प्रतिशत की बहाली नहीं हो सकी है। आंकड़ों पर गौर करें तो 77 हजार स्कूलों में 77 हजार उर्दू शिक्षकों को बहाल किया जाना है, जबकि नितीश सरकार ने 2005 से सिर्फ 30,000 शिक्षक बहाल किए हैं। ऐसे में विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है।

विपक्ष के अनुसार सरकारी अधिकारी उर्दू के बारे में गंभीर नहीं हैं, लेकिन सत्ताधारी पार्टी का मानना ​​है कि सरकार काम कर रही है। उधर हालत यह है कि अप्रैल से स्कूलों का सत्र चल रहा है, लेकिन सात महीने बाद भी उर्दू की किताबें छात्रों को नहीं मिली हैं। स्कूलों में उर्दू के हालात सरकार के दावे पर सवाल खड़ी करती है।