BJP से निपटने के लिए एकजुट होगा विपक्ष, नीतीश कुमार को संयुक्त विपक्ष में बड़ी भूमिका देने की तैयारी

नरेंद्र मोदी और बीजेपी का विजय रथ रोकने के लिए विपक्ष हर मुमकिन कोशिश में जुटा है । बीजेपी की बढ़ती ताकत की वजह से सभी विपक्षी दल एक साथ आने को राज़ी हो गए हैं। क्षेत्रीय दलों के दबाव के बाद कांग्रेस की तरफ से खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी एकता के लिए पहल तेज की है। सूत्रों के अनुसार, यूपीए को बड़ा आकार देते हुए पूरे स्वरूप में बदलाव का भी एक ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। इस कोशिश में कांग्रेस के अलावा जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार और एनसीपी चीफ शरद पवार की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। दोनों की सोनिया गांधी से अलग-अलग लंबी बातचीत भी हुई है।

यूपीए-2 को विस्तार देते हुए कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त विपक्षी दलों की एक समन्वय समिति बनाने की तैयारी भी आखिरी दौर में है । सोनिया गांधी इस कमिटी की अध्यक्ष बन सकती हैं जबकि नीतीश कुमार को इसके संयोजक बनाया जा सकता है। समिति मे शरद पवार की भी भूमिका अहम रणनीतिकार की होगी। अखिलेश यादव पहले ही विपक्षी एकता की इन कोशिशों के साथ जाने के संकेत दे दिए हैं।

कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी से नीतीश कुमार की बैठक के बाद दो बातें तय हो गई है । मीटिंग में तय हुआ कि अलग-अलग विपक्षी दलों की एक बड़ी कमिटी बनेगी और उसमें नीतीश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, लेकिन औपचारिक रूप से इस विपक्षी मंच की घोषणा कब होगी इस बारे में सबकी अलग-अलग राय है। क्षेत्रीय दल चाहते हैं कि जल्द से जल्द इसकी घोषणा हो ताकि बाकी बचे दलों को एकमंच पर लाने की कोशिश तुरंत शुरू हो, लेकिन कांग्रेस चाहती है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद इसकी घोषणा हो। कांग्रेस का तर्क है कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता की एक अभ्यास हो जाएगा जिसके बाद वह आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन दूसरे क्षेत्रीय नेता राष्ट्रपति चुनाव में ही इस प्रयोग को देखना चाहते हैं।