अरहर स्कैम में फंसी भाजपा सरकार, फडणवीस के मंत्री ने सरकारी केंद्रों से बेचा 377 क्विंटल दाल

मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के अरहर दाल घोटाला करने का मामला सामने आया है। सरकारी खरीद केंद्रों से फडणवीस सरकार के राज्यमंत्री अर्जुन खोतकर और उनके परिजन के मारफत 377 क्विंटल अरहर दाल बेचे जाने का खुलासा हुआ है। मामला सामने आने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि पूरे जालना जिले में करीब 4.5 लाख टन अरहर का उत्पादन हुआ है। इसमें 1 लाख टन से अधिक अरहर की दाल केवल 800 लोगों ने बेची है। यह सबसे बड़ा घोटाला है।

दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि दाल को लेकर आंकड़ों में बड़ा हेरफेर किया गया है। उन्होंने कहा, “अनुमान इतना गलत कभी नहीं हो सकता। लेकिन इस बार हुआ है। कहीं न कहीं बड़ी चूक हुई है।” उन्होंने कहा कि उपज के आंकड़े बताते हैं कि साल 2015 के खरीफ पैदावार में अरहर की खेती 12.37 लाख हेक्टेयर में की गई। पैदावार 4.44 लाख टन हुई। बारिश अच्छी होने के बाद राज्य सरकार ने अनुमान लगाया कि 2016 में महाराष्ट्र में दाल की उपज करीब 12.56 लाख टन होगी।

उन्होंने बताया कि बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने 17 मार्च को विधानसभा में बताया कि इस बार राज्य में अरहर की उपज 11.71 लाख टन होने का अनुमान है। उसी सत्र में 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने दूसरा अनुमान सदन में रखते हुए बताया कि अरहर की उपज 20.35 लाख टन होने का अनुमान है। सवाल यह है कि महज एक महीने में ऐसा कौन-सा जादू चला कि 11.71 लाख टन अरहर की पैदावार 20.35 लाख टन हो गई?

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बात गौर करने लायक है कि 7 जुलाई, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोजांबिक से पांच साल के लिए दाल खरीदी का करार किया। इसके तहत मोजांबिक भारत को एक लाख टन अरहर बेचेगा। अरहर की यह खरीदारी हर साल 25 प्रतिशति बढ़ेगी। यानी आने वाले साल 2020-21 तक मोजांबिक से भारत 2 लाख टन अरहर खरीदेगा।

इसके बाद उन्होंने कहा कि आखिर खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 30 अप्रैल को 400 करोड़ रुपये के अरहर खरीदी में घोटाले की शंका जाहिर की थी। इसलिए इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करानी बेहद जरूरी है ताकि पूरी तस्वीर सामने आ सके।