रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार का पर्दाफाश करने वाले दोनों पत्रकारों को म्यांमार ने रिहा किया!

म्यांमार की सरकार भारी अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण उन दो पत्रकारों को रिहा करने पर मजबूर हुई जिन्हें उसने रोहिंग्या मुसलमानों के ख़िलाफ़ सेना के भयंकर अत्याचारों का पर्दाफ़ाश करने के कारण आरोप लगाकर जेल में डाल दिया था।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, दोनों पत्रकारों को रिहा करने का फ़ैसला म्यांमार के राष्ट्रपति ने किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के पत्रकार वा लोन और क्वाय सोए ओ को आफ़िशियल सिक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन करने के मामले में बीते सितंबर महीने में सात-सात साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी।

इन दोनों पर ये मामला तब चला था जब इन्होंने 2017 में 10 मुस्लिम रोहिंग्या कैंप में सरकारी सुरक्षा बलों की कार्रवाई की रिपोर्टिंग की थी।
दोनों पत्रकारों को सज़ा दिए जाने की दुनिया भर में आलोचना हुई थी और इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया गया था।

पुल्तिज़र पुरस्कार से सम्मानित वा लोन और क्वाय सोए ओ को हज़ारों क़ैदियों के साथ रिहा किया गया है, जिन्हें नए साल के मौक़े पर राष्ट्रपति ने रिहा करने का निर्देश दिया है।