CBI प्रमुख नियुक्ति: पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक बेनतीजा रही

सीबीआई निदेशक के चयन को लेकर गुरुवार को हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया। अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही चयन समिति की दूसरी बैठक आयोजित होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिस्सा लिया।

खड़गे ने बैठक के बाद कहा कि कोई फैसला नहीं हो पाया। अगले हफ्ते किसी समय दोबारा बैठक बुलाई जा सकती है। सीबीआई निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद नए निदेशक का चयन किया जाना है। इस समय नागेश्वर राव सीबीआई निदेशक का कार्यकारी दायित्व संभाल रहे हैं। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘उन्होंने हमें 70 – 80 नामों की सूची दी है। इनके काम के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया। हमने उनसे कहा है कि वे इन नामों के बारे में पूरा विवरण प्रस्तुत करें।’

सूत्रों ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश और खड़गे दोनों ने सरकार से विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। यह भी अनुरोध किया गया है कि चयन समिति की दूसरी बैठक जल्द बुलाई जाए, जिससे फैसला लेने में देरी न हो। बैठक के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि नामों की सूची सदस्यों से साझा की गई है। अभी कोई नाम तय नहीं हुआ है। जल्द ही इस संबंध में दूसरी बैठक होगी। गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक के पद को लेकर काफी गहमागहमी चल रही है। निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद सरकार को जल्द नए निदेशक पद पर फैसला करना है। वर्मा को हटाए जाने के करीब दो हफ्ते बाद बैठक बुलाई गई थी।

 

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद से यह पद खाली पड़ा है। समिति ने 10 जनवरी को वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था। उनका गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना से भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर झगड़ा चल रहा था। वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद दमकल सेवा महानिदेशक, नागरिक रक्षा और होम गार्ड्स का महानिदेशक बनाया गया था। यह कम महत्वपूर्ण पद था।
वर्मा ने उस पेशकश को स्वीकार नहीं किया और उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें सेवानिवृत्त मान लिया जाना चाहिये क्योंकि उनकी 60 साल की आयु पूरी हो चुकी है। उन्होंने एक फरवरी 2017 को सीबीआई निदेशक का पदभार संभाला था। सीबीआई प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल दो साल का था। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव सी चंद्रमौली को लिखे गए पत्र में वर्मा ने कहा था कि वह 31 जुलाई 2017 को ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

केंद्र ने वर्मा के पत्र पर अपने फैसले को सार्वजनिक नहीं किया है। केंद्र ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया था। वर्मा के इस्तीफा पत्र से राजनीतिक भूचाल आ गया था जिसमें विपक्ष, खासतौर से कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सार्वजनिक संस्थानों में कथित रूप से हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। खड़गे ने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राव की सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के रूप में नियुक्ति को ”गैर कानूनी  बताया था। उन्होंने नए सीबीआई प्रमुख का चयन करने के लिए सरकार से तत्काल समिति की बैठक बुलाने को कहा था।