छत्तीसगढ़: इंसान के शव ठेले पर जा रहे हैं लेकिन सरकार शुरू करेगी गौ एम्बुलेंस

उत्तरप्रदेश के बाद अब बीजेपी शासित छत्तीसगढ़ में भी गायों के लिए एंबुलेंस सेवा शुरु की जाएगी । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हादसों में घायल गायों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 10 जिलों में ऐम्बुलेंस सेवा शुरू की जाएगी और 10 सबसे अच्छी गोशालाओं का चयन कर उन्हें 10-10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

डॉ. रमन सिंह ने राज्य गौ सेवा आयोग की ओर से गौ आधारित जैविक कृषि और ग्राम विषय पर राज्यस्तरीय सेमिनार के समापन सत्र के दौरान ये घोषणा की । यह आयोजन पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया।

सीएम ने कहाकि गौ सेवा में ग्रामीणों की भागीदारी के कारण छत्तीसगढ़ में गोवंश की सघनता देश में सबसे ज्यादा है, राज्य में लगभग 90 लाख गोवंशीय पशु हैं। मुख्यमंत्री ने देश में खेती के मशीनीकरण की वजह से देश में गोवंश आधारित अर्थव्यवस्था के प्रति लोगों का रुझान कम होने पर चिंता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती और गोबर गैस के इस्तेमाल से गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है। गोमूत्र और गोबर से बंजर जमीन भी उपजाऊ बन जाती है। उन्होंने कहा कि गौ सेवा आयोग की ओर से गोशालाओं का निरीक्षण कर वहां पानी, छाया, चारा की व्यवस्था का जायजा लिया जाएगा।

रमन सिंह ने कहा, ‘पशुपालक गायों को सड़कों पर खुले नहीं छोड़ें, इसके लिए उन्हें समझाया जाना चाहिए। गौ सेवा से घर के वातावरण में परिवर्तन आता है।’

गायों के लिए सरकार ने भले ही एंबुलेंस सेवा शुरु करने का ऐलान कर दिया हो लेकिन सुदूर नक्सली आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कैसी है ये सबको पता है । इलाज में देरी की वजह से ना जाने कितने लोग असम मौत के मुंह में चले जाते हैं ।