सोहराबुद्दीन केस: पूर्व चीफ जज मोहित शाह ने CBI जज को 100 करोड़ का दिया था ऑफर

गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश बृजगोपाल लोया की अचानक हुई मौत के करीब तीन साल बाद उनके परिजनों ने चुप्पी तोड़ते हुए उनकी मौत पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष और उस वक्त के राज्य के गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, हालांकि बाद में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था।

साल 2005 में गुजरात पुलिस ने कथित तौर पर सोहराबुद्दीन शेख का अहमदाबाद एयरपोर्ट के पीछे एक स्थान पर फर्जी एनकाउंटर किया था। इस मामले में गुजरात पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों के भी नाम आए थे। कथित फर्जी एनकाउंटर को लेकर कई ऐसे बड़े खुलासे किए है जिससे राजनीतिक गलियारों में भूकंप आ सकता है।

दरअसल, कारवां  में मृतक सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की बहन के हवाले से छपी रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मोहित शाह ने इस केस को रफा-दफा करने के लिए उनके भाई को 100 करोड़ रुपये घूस के रूप में ऑफर किया गया था।

जस्टिस वृजगोपाल की बहन अनुराधा बियानी ने कारवां की रिपोर्टर को बताया कि उनके भाई और उस समय के CBI जज लोया को मुंबई हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी। कारवां में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस घूस की पेशकश सभी आरोपियों को क्लीन चीट देने के लिए की गई थी। अनुराधा ने पत्रिका को बताया कि यह ऑफर उनके भाई की मौत के कुछ हफ्ते पहले ही दिया गया था।

बहन के अलावा मृतक सीबीआई जज के पिता ने भी मैगजीन से बातचीत में दावा किया है इस मामले में आरोपियों के अनुकूल फैसला सुनाने के लिए पैसे के साथ-साथ मुंबई में एक घर देने की भी पेशकश की गई थी।