कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रियरंजन दासमुंशी का न‍िधन, पिछले 9 साल से थे कोमा में

कोलकाता। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता प्रियरंजन दासमुंशी नहीं रहे। नयी दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली। वह करीब 9 साल तक कोमा में रहे. वह 72 साल के थे।

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने श्री दासमुंशी के निधन की पुष्टि की। वर्ष 2008 में श्री दासमुंशी का ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसके बाद वह अचेतन अवस्था में थे। ब्रेन हेमरेज के बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे।

ब्रेन हेमरेज के कारण उन्हें लकवा मार गया था। चलने-फिरने में वह असमर्थ हो गये। वह बोल भी नहीं पा रहे थे। हालांकि, उनके अंगों ने काम करना बंद नहीं किया था, लेकिन सांस लेने के लिए उनके गले तक एक नली लगानी पड़ी थी।

एक अन्य पाईप के जरिये उनके पेट तक भोजन पहुंचाया जा रहा था। हालांकि, उनकी श्वसन प्रक्रिया, रक्तचाप (ब्लडप्रेशर), नींद आदि का चक्र सामान्य था, लेकिन वह अपने आसपास की गतिविधियों से पूरी तरह अनभिज्ञ थे।

विधायकों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव, डेढ़ गुणा बढ़ सकता विधायकों का वेतन दासमुंशी के बीमार पड़ने के बाद उनकी पत्नी दीपा दासमुंशी ने प्रियरंजन की परंपरागत सीट रायगंज से लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में वह हार गयीं।

उनका एक बेटा भी है, जिसका नाम प्रियदीप दासमुंशी है। दासमुंशी पश्चिम बंगाल के सबसे लोकप्रिय और सर्वमान्य कांग्रेस नेताओं में एक थे। दूसरी पार्टी के नेता भी उनका उतना ही सम्मान करते थे, जितना कांग्रेस के नेता।

यही वजह है कि कांग्रेस ने उन्हें संसदीय कार्यमंत्री बनाया था, ताकि संसद में किसी मुद्दे पर लंबा गतिरोध न हो, कांग्रेस के इस बड़े नेता के इलाज में कोई कमी नहीं रखी गयी।