देश की राजधानी दिल्ली में हर रोज कैंसर से 30 लोगों की मौत!

दिल्ली समेत देशभर में कैंसर के मरीजों की तादाद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। महिलाओं की तादाद में यह पुरुषों में ज्यादा देखने में आ रहा है। हालांकि इसका इलाज संभव है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर इलाज और सावधानी बरती जाए तो 60 फीसदी कैंसर के मामले कम किए जा सकते हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च (एनआईसीपीआर) के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हर साल 11,57,294 कैंसर के नए मरीज रजिस्टर हो रहे हैं। साल 2018 में पूरे देश में 7,84,821 लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई है। कैंसर से मरने वालों में महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा है।

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, आंकड़ों के मुताबक देश में जहां 9.42 प्रतिशत महिलाओं की कैंसर से जान गई है, वहीं 9.81 फीसदी पुरुषों की जान कैंसर ने ली। दिल्ली की बात की जाए तो यहां कैंसर रोजाना 30 लोगों की जान ले रहा है। साल 2018 में दिल्ली में 11,039 लोगों ने कैंसर की वजह से जान गंवाई।

डॉक्टरों का कहना है कि बदलती जीवनशैली और वायु प्रदूषण लोगों में अंडाशयों और फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ा रहा है। एम्स के मेडिसन ओन्कॉलोजी विभाग के प्रोफेसर अतुल शर्मा ने बताया कि जीवनशैली में बदलाव कर लगभग कैंसर के 60 फीसदी तक मामलों को कम किया जा सकता है। स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर आदि शुरू में पता चलने पर मरीज स्वस्थ किया जा सकता है।

महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल कैंसर के बारे में बताते हुए राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट की डॉ. स्वरूपा मित्रा ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हर महिला को समझने चाहिए।

यौन संबंध बनाते समय अप्रत्याशित दर्द होना या रक्तस्राव इसके लक्षण हैं। कमजोरी, थकान और पैरों में दर्द जैसी कोई परेशानी अचानक बढ़ने पर इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इम्यून सिस्टम कमजोर होना और धूम्रपान जैसी आदतें इसका कारण बन सकती हैं।