इमाम बाड़ों और मस्जिदों की तामीर से ज्यादा जरूरी है कौम की तालीम: कल्बे सादिक

लखनऊ:  प्रसिद्ध शिक्षविद और शिया नेता मौलाना कल्बे सादिक ने लखनउ में कहा कि मुसलमानों की बदहाली को बदलने के लिए केवल शिक्षा की जरूरत है, मस्जिदों और इमाम बाड़ों की नहीं.
बात चाहे अमेरिका की मुस्लिम विरोधी नीतियों की हो, इजरायल के अत्याचार की, या यहूदियों के ज़ुल्म की, मुस्लिम विरोधी ताकतें केवल इसलिए सफल हो जाती हैं कि मुसलमानों के पास शिक्षा नहीं है और इस युग में किसी भी तरह की सफलता हासिल करने के लिए शिक्षा शर्त है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना कल्बे सादिक ने कहा कि सारी समस्याएं अज्ञानता से पैदा होती हैं. शैक्षिक अभाव के कारण अब मुस्लिम समुदाय के लोग हाकिम से महकूम हो गए. मुसलमानों के पास वह एकता और वह चेतना नहीं, जिससे विरोधी ताकतों का मुकाबला किया जा सके. मुसलमानों की मुख्य समस्या यह है कि वे धार्मिक इमारतें तो बना रहे हैं, लेकिन अपनी पीढ़ियों का निर्माण नहीं कर रहे हैं, जिसका खामियाजा उन्हें हर मोर्चे और हर स्थान पर भुगतना पड़ रहा है.