दंगे में मारे गए बेटे की बोर्ड एग्जाम का रिजल्ट सुनकर पिता हुए भावुक, कहा- वह जीवित होता तो बहुत खुश होता

पश्चिम बंगाल: आसनसोल की एक मस्जिद के इमाम मौलाना
इमददुल्लाह रशीदी जिन्होंने इस साल मार्च में सांप्रदायिक दंगे की आग में अपना जवान बेटा खो दिया था। अब उसी इमाम के मृत बेटे शिबगातुल्लाह ने मौत के लगभग दो महीने बाद अपने परिवार को आखिरी तोहफा दिया है। वह तोहफा है दसवीं की परीक्षा की मार्कशीट और प्रमाणपत्र।

बता दें कि शिबगातुल्लाह पारंपरिक तौर पर पढ़ाई कर 10वीं की परीक्षा पास करने वाला अपने खानदान का पहला युवक है।

बुधवार को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से दसवीं के नतीजे घोषित होने के कुछ देर बाद जब स्थानीय रामनगर इकबाल अकादमी की ओर से मौलाना को फोन पर उनके मृत बेटे के पास होने की जानकारी दी गई तो उनको समझ में नहीं आ रहा था कि वे हंसे या रोएं।

उस फोन के बाद वे पूरे दिन मस्जिद से बाहर ही नहीं निकले। मौलाना कहते हैं कि मेरे बेटे का सपना तो उसके साथ कब्र में दफन हो गया। वह जीवित होता तो आज बेहद खुश होता। रशीदी बताते हैं कि शिबगातुल्लाह अपने भविष्य के सपनों के बारे में कोई चर्चा नही करता था। लेकिन मुझे लगता है कि वह डॉक्टर बनना चाहता था। लेकिन अब इन बातों को दोहराने से क्या फायदा।

बता दें कि शिबगातुल्लाह ने बीते 21 मार्च को 10वीं का आखिरी पर्चा दिया था। चार दिनों बाद सांप्रदायिक दंगा भड़कने पर वह लापता हो गया और बाद में उसका शव बरामद किया गया था।