कठुआ गैंगरेप पर गौतम गंभीर, कहा-बेटी बचाओ से क्या अब हम बलात्कारी बचाओ हो गए हैं?

जम्‍मू कश्‍मीर के कठुआ में आठ साल की बच्‍ची से गैंगरेप और हत्‍या के मामले में क्रिकेटर गौतम गंभीर ने आवाज उठाई है. गंभीर ने सोशल मीडिया पर पूछा कि बेटी बचाओ से अब क्या हम बलात्कारी बचाओ हो गए हैं? बता दें कि कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची को रासना गांव में देवीस्थान मंदिर में कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और सेवादार समेत कई लोगों ने कई बार उसका बलात्कार किया. इसके बाद उसकी हत्‍या कर दी गई. मामले को अब साम्‍प्रदायिक रंग दिया जा रहा है और आरोपियों को बचाने के लिए एक समुदाय के वकीलों ने चार्जशीट पेश किए जाने का विरोध किया.

आईपीएल में दिल्‍ली डेयरडेविल्‍स के कप्‍तान गौतम गंभीर ने टि्वटर पर लिखा, ‘भारतीय चेतना का उन्‍नाव और फिर कठुआ में बलात्‍कार किया गया. अब इसकी हमारे सड़ रहे सिस्‍टम में हत्‍या की जा रही है. मैं तुम्‍हे चुनौती देता हूं, सामने आओ मिस्‍टर सिस्‍टम हिम्‍मत है तो दोषियों को सजा दो.’

इसके बाद गंभीर ने अगले ट्वीट में कहा, ‘कठुआ की हमारी पीडि़त बेटी की वकील दीपिका सिंह राजावत को परेशान करने वाले और चुनौती देने वाले लोगों विशेष रूप से वकीलों को शर्म आनी चाहिए. बेटी बचाओ से अब क्या अब हम बलात्कारी बचाओ हो गए हैं?’

बता दें कि कठुआ गैंगरेप मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया. इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की इस बच्ची का अपहरण, बलात्कार और उसकी हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी. इस मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. जांचकर्ताओं के अनुसार, दम घुटने से बच्ची की मौत हुई.

आरोपपत्र के मुताबिक आरोपी ने बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखने के लिए उसे अचेत करने को लेकर नशीली दवाइयां दी थी. बच्ची के अपहरण, हत्या और जंगोत्रा एवं खजुरिया के साथ उससे बार-बार बलात्कार करने में किशोर ने मुख्य भूमिका निभाई. इसमें कहा गया है कि किशोर ने बच्ची के सिर पर एक पत्थर से दो बार प्रहार किया और उसके शव को जंगल में फेंक दिया. दरअसल, वाहन का इंतजाम नहीं हो पाने के चलते नहर में शव को फेंकने की उनकी योजना नाकाम हो गई थी. शव का पता चलने के करीब हफ्ते भर बाद 23 जनवरी को सरकार ने यह मामला अपराध शाखा को सौंपा जिसने एसआईटी गठित की.