नई दिल्ली: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रस्ताव पर दिल्ली सरकार हिंदी, उर्दू और पंजाबी अकादमियों की तरह प्राकृत एकेडमी स्थापित करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव पिछले दिनों दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की जैन सलाहकार समिति की बैठक में जैन समाज की ओर से आई थी कि प्राकृत भाषा का ऐतिहासिक महत्व है।
विशेषकर जैन समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक हिस्सा होने की वजह से दिल्ली में दूसरी भाषाई अकादमियों की तरह प्राकृत की भी अकादमी बनाई जाए। अल्पसंख्यक आयोग के अधयक्ष डॉक्टर ज़फ़रुल इस्लाम खान ने इस प्रस्ताव को पारित करके मुख्यमंत्री दिल्ली अरविंद केजरीवाल को अपनी सिफारिश के साथ पत्र भेजा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को विचार करने के लिए भेज दिया है क्योंकि कला, संस्कृति और भाषा विभाग उन्हीं के अधीन है। आयोग को उपमुख्यमंत्री कार्यालय से सूचित किया गया है कि यह प्रस्ताव कला सचिव, संस्कृति और भाषा विभाग को विचार और अनुपालन के लिए भेजा गया है।