देश का सबसे पिछड़ा जिला हरियाणा का नूंह मेवात- नीति आयोग की रिपोर्ट

नीति आयोग ने हरियाणा के सबसे पिछड़े जिला नूंह मेवात को देश का सबसे पिछड़ा जिला करार देकर एक नई बहस छेड़ दी है लेकिन डीसी अशोक कुमार शर्मा इस रिपोर्ट से खुश नहीं है। उपायुक्त का कहना है कि हरियाणा में मेवात सबसे पिछड़ा जिला हो सकता है लेकिन देशमें हरगिज नहीं हो सकता।

चंद दिन पहले तक जिस नीति आयोग के अफसरों को मेवात जिले की कई चीज़े बेहतर दिख रही थी। बावजूद इसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आयोग से बातचीत जारी है सोमवार तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी, जिसे मीडिया कर्मियों के माध्यम से देश से सांझा किया जाएगा।

उपायुक्त नूंह के मुताबिक स्कूलों में बिजली-पानी की अच्छी व्यवस्था है। अस्पताल और मेडिकल कालेज हैं। हर गांव सड़क से जुड़ा हुआ है। सब सेंटर और पीएचसी – सीएचसी बनाने की जरुरत है तो वे बनाई जा रही हैं। कॉलेज- महिला कॉलेज , आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज सब हैं। पांचवीं तक का ड्राप आउट कंट्रोल हुआ है।

यहां फसल अच्छी होती है, नहरी पानी की कोशिशों में लगे हुए हैं। इस जिले में लघु सचिवालय- कोर्ट परिसर की आलिशान बिल्डिंग हैं। कुल मिलाकर बहुत से मामलों में मेवात देश के बहुत से जिलों से आगे है।

उपायुक्त ने कहा कि नीति आयोग के पास सीटीएम-एनआईसी अधिकारी चंद दिन पहले आए थे उस दौरान मेवात की रैंकिंग में जबरदस्त उछाल की बात आयोग के अधिकारियों ने कही थी और निचले पायदान वाला मेवात टॉप 3 तक पहुंच गया था।

अब ये जो रिपोर्ट आई है इसके क्या मापदंड तय किए गए इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। सोमवार तक का समय इसमें लग सकता है लेकिन इतना साफ है कि मणिपुर, बिहार, एमपी इत्यादि राज्यों में बहुत ज्यादा मेवात से कठिन हालात हैं।

लोगों और नेताओं को एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बजाय इस पर ध्यान देने की जरुरत है कि वाकई इस तरह के हालात मेवात के हैं जिसके चलते सबसे पिछड़े जिले की बात सामने आई है। जो कुछ खामियां है उसका समाधान निकालने की कोशिश जारी है।