इलाहाबाद। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चों की मृत्यु को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार से कारण पूछा है।
बच्चों की सामूहिक मौतों को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसमें सही तथ्य आने चाहिए ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
जानकारी के अनुसार मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। इन याचिकाओं पर अलग-अलग वकीलों ने अपनी अपनी बहस की। वकीलों का कहना था कि इतनी बड़ी घटना के बाद अभी तक मृत बच्चों का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया और न ही कोई प्राथमिकी ही दर्ज कराई गई। आरोप लगाया गया कि सरकार गलत बयानी कर घटना की लीपापोती कर रही है।
याचिका की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले व न्यायाधीश यशवंत वर्मा का कहना था कि किसी भी प्रकार का न्यायालय से आदेश पारित करने से पहले सरकार का मौत की कारणों को लेकर जवाब आना जरूरी है।
सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अदालत से जवाब के लिए समय की मांग की। इस पर अदालत ने सरकार को समय देते हुए 29 अगस्त को पुन: इस मामले पर सुनवाई का आदेश दिया।
न्यायालय का कहना था कि मौत का कारण स्पष्ट होने के बाद वह आगे आदेश जारी करेगी। अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी मेडिकल कारपोरेशन के गठन की मांग की। अदालत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर भी आगे विचार करेगी।