मुग़ल बादशाहों से ज्यादा हिन्दू राजाओं ने मंदिरों को ढहाया है: इतिहासकार

चेन्नई। देश में इतिहास को लेकर चल रहे विवादों का खानदान करते हुए आइओएस के सचिव डाक्टर मंजूर आलम ने नई पीढ़ी को देश की वास्तविक इतिहास से रूबरू करने का मशवरा दिया। उनहोंने इतिहास का हवाला देते बताया कि हिन्दू बादशाहों ने मुग़ल से ज्यादा मंदिरों को ढहाई है।

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इंस्टीच्युटऑफ़ ऑब्जेक्टिव स्टडीज नई दिल्ली के प्रायोजित न्यू कॉलेज के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में आइओएस के सचिव डाक्टर मंजूर आलम ने कहा कि समाजी और सियासी सूरमाओं ने 1947 में देश को बांटा था, और अब वही ताकतें 2002 के गुजरात और 2003 के मुजफ्फर नगर मुस्लिम विरोधी दंगों को जन्म दे रही हैं। लेकिन यह बात याद रखनी चाहिए कि सरकार की मदद से हुई तबाही के बाद दुसरे दौर की शुरुआत में काफी रुकावटों और हंगामे का सबब बनता है।

डाक्टर मंजूर आलम ने इतिहासकारों से अपनी सारी कोशिशों को इतिहास के संरक्षण और ध्यान देने वाली बातों पर अपनी तहकीकात की विषय बनाने की अपील करते हुए कहा कि अब देश के अन्दर इतिहास की राजनीति की जा रही है, इसे वो लोग करते हैं जो खुद अपनी इतिहास लिखने के लायक नहीं हैं।

इस मौके उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर इतिहासकार जैसे जद्दो नाथ सरकार और आरसी मजुमदार ने औरंगजेब को एक हिन्दू विरोधी शासक,करार दिया, विशेषकर मंदिरों को गिराने की इसकी पोलोसी को ज्यादा उभारा है। लेकिन इतिहासकारों ने इसके विपरीत जवाब देते हुए बताया है कि हिन्दू बादशाहों ने मुग़ल से ज्यादा मंदिरों को ढहाई है।