IAS अफसरों के लिए बैरून मुल्क जाना हुआ मुश्किल

पटना : आइएएस अफसरों का अब बैरून मुल्क जाना मुश्किल हो गया है. भारत सरकार के नये हिदायत के मुताबिक अब अफसरों को बैरून मुल्क जाने के लिए रियासती हुकूमत के अलावा भारत सरकार के दाखला वुजरा से और खारजा वुजरा से इजाजत लेना लाज्मी कर दिया गया है. इसके लिए उन्हें सबसे पहले बैरून मुल्क के सफ़र पर जाने के लिए पूरा तफ्सीलात देना पड़ता है.

इनमें सफ़र की वजह, खर्च, खर्च देने वाली एजेंसी, इससे रियासत को फायदा समेत मुख्तलिफ किस्म की एक दर्जन से ज्यादा सवालात के जवाब भी देना पड़ता है. पूरा तफ्सीलात देने के बाद बैरून मुल्क जाने के ख्वाहिशमंद आइएएस अफसर को खुद वुजरा से पॉलिटिकल क्लियरेंस लेना होगा. अगर इजाजत मिलने में देरी होती है, तो वे बैरून मुल्क का सफ़र नहीं कर सकेंगे. मर्क़ज़ी हुकूमत के इस हिदायत के बाद रियासती हुकूमत के इंतेजामिया महकमा को बौरून मुल्क जाने से मुताल्लिक दरख्वास्त मिलना बंद हो गया है.

इंतेजामिया महकमा के अफसर ने बताया कि किसी-न-किसी मौके पर रियासत के आइएएस बैरून मुल्क का सफ़र के लिए रियासती हुकूमत से इजाजत लेते ही रहते थे. हर माह कुछ-न-कुछ दरख्वास्त बैरून मुल्क जाने के लिए महकम को मिलता था, लेकिन मर्क़ज़ी हुकूमत की सख्ती के बाद अब बैरून मुल्क जाने के लिए दरख्वास्त आना बहुत कम हो गया है.

अफसर ने बताया कि अब तक तो किसी इन्विटीशन या ट्रेनिंग वगैरह के नाम पर बैरून मुल्क जाने की रिवायत तकरीबन बंद हो जायेगी. मर्क़ज़ी हुकूमत का असल मकसद बिना ज़रूरत के बैरून मुल्क सफ़र रोकने की है, ताकि अफसरों का ज्यादा वक़्त तरक्की के काम पर ज़ेहन हो. मर्क़ज़ी हुकूमत के गुजिश्ता साल दिसंबर में जारी हिदायत के बाद बैरून मुल्क जानेवाले अफसरों की तादाद अचानक कम हो गयी है.

इंतेजामिया महकमा से मिली जानकारी के मुताबिक पटना में तक़र्रुर एक आइएएस अफसर इंतेजामिया महकमा को बैरून मुल्क जाने के लिए दरख्वास्त सौंप बैरून मुल्क के सफ़र पर चले गये. बैरून मुल्क सफ़र से लौटने पर उनसे जरुरी कागज़ात मांगा गया, लेकिन वे इजाजत ख़त मर्क़ज़ी हुकुमत को नहीं दे सके. महकमा अफसर के मुताबिक ऐसे मामले में बैरून मुल्क सफ़र की मुद्दत को सर्विस की मुद्दत से हटाया जा सकता है.